Vatsalya Ras Kise Kahate Hain – वात्सल्य रस की परिभाषा, भेद और उदाहरण 

Vatsalya Ras In Hindi – जब हमें किसी के प्रति स्नेह होता है तो वह Vatsalya Ras के अंतर्गत आता है आज इस आर्टिकल के माध्यम से जिसका नाम है “Vatsalya Ras In Hindi” पर सरल भाषा में जानेंगे Vatsalya Ras Kise Kahate Hain, वात्सल्य रस के कितने भेद होते हैं और वात्सल्य रस का वर्णन किन रचनाओं में होता है। 

Definition Of Vatsalya Ras In Hindi – वात्सल्य रस रस परिभाषा

जब व्यक्ति किसी काव्य रचना को सुनकर किसी के प्रति जैसे अध्यापिका, शिष्य, मां, पिता के प्रति स्नेह को प्रकट करता है तो उसे Vatsalya Ras कहते हैं। अर्थात सरल शब्दों में कहे सकते हैं कि किसी के प्रति मोह ,ममता दिखाना Vatsalya Ras कहलाता है। 

वात्सल्य रस के अवयव

  • स्थायी भाव: वत्सल
  • आलंबन विभाव:  छोटा बालक और शिष्य 
  • उद्दीपन विभाव: बाल लीला,  मासूमियत आदि 
  • अनुभाव: हंसना, गले लगाना, सर पर हाथ फेरना, पीठ थपथप करना
  • संचारी भाव: गर्व महसूस, प्यार, उत्साह, मोह, ममता आदि।

Types Of Vatsalya Ras In Hindi – वात्सल्य रस के भेद हैं 

  • संयोग वात्सल्य रस
  • वियोग वात्सल्य रस

Examples Of Vatsalya Ras In Hindi – वात्सल्य रस के उदाहरण

1.नाना ने चाँद दिखलाया

आँख नीरयुत दमक गए 

धुली हुई मुसकान देखकर

सबके चेहरे चमक गए ।

2. ठुमक चलत श्यामचंद्र बाजत पैजनिया। 

कबीरदास मैया मैं तो चंद्र खिलौना लेहों ।

3. माँ मोरी मैं नहीं लौनी खायो

बाल गोपाल सब पीछे परिके बरबस मुख लपटाओ।

Conclusion : वात्सल्य रस का मतलब होता है प्रेम, ममता और मोह जो किसी के प्रति प्रकट होता है हमने इस पेज Vatsalya Ras In Hindi पर सरल शब्दों में Vatsalya Ras के भेद और उदाहरण बताए हैं जो छात्रों के स्कूल की परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं में काम आ सकते हैं। 

FAQs About Vatsalya Ras In Hindi

Q1. वात्सल्य किसे कहते हैं ?

Ans : जब किसी बालक के प्रति अपने माता-पिता, गुरु, शिष्य के प्रति ममता भाव की अनुभूति होती है तो उन्हें वात्सल्य रस कहते हैं। 

Q2. वात्सल्य रस में कौन सा गुण होता है ?

Ans : वात्सल्य रस से किसी की ममता, प्रेम, मोह के भाव का पता चलता है। 

Q3. वात्सल्य रस का स्थायी भाव क्या होता है ?

Ans : वात्सल्य रस का स्थायी भाव वात्सल्य होता है। 

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