Shant Ras In Hindi – प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को Shant Ras के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है यह एक जरूरी विषय है जो प्रतियोगी परीक्षाओं में हमेशा आता है। यहां “Shant Ras In Hindi” पर आप सरल भाषा में जान पाएंगे Shant Ras Kise Kahate Hai, Shant Ras कितने प्रकार के होते हैं और शांत रस किन वाक्यों में पढ़ने को मिलता है।
Definition Of Shant Ras In Hindi – शांत रस परिभाषा
सभी व्यक्तियों के जीवन में एक ऐसा समय जरूर आता है जब उसे यह एहसास होता है कि संसार की मोह माया में कुछ नहीं रखा, जब व्यक्ति संसार के मोह से दूर होकर परमात्मा के प्रेम का ज्ञान होता है तब उसके हृदय के अंदर Shant Ras की अनुभूति होती है,
तब शांति का आगमन होता है, उन्हें ही Shant Ras कहते हैं जब व्यक्ति सांसारिक कार्यों से मुक्त होकर परमात्मा का वास्तविक ज्ञान होता है वह Shant Ras कहलाता है।
शांत रस के अवयव
- स्थायी भाव – निर्वेद, शांति
- आलम्बन – ईश्वर चिन्तन, संसार की असार
- आश्रय – ज्ञान वाला व्यक्ति
- उद्दीपन – ग्रंथ का पाठ,
- संचारी – दैन्य और जड़ता
Types Of Shant Ras In Hindi – शांत रस के भेद हैं
- वैराग्य
- दोष-विग्रह
- सन्तोष
- तत्व साक्षात्कार
Examples Of Shant Ras In Hindi – शांत रस के उदाहरण
1.मेरा तार हरि से जोड़े,
ऐसा कोई महाजन मिले।
2. हिरदय रे शरीर कागद का बेजान ।
लागै बूँद बिनसि जाय छिन में, गरब करै क्या इतना ।
3. गुरू नानक तो एक हैं, दूजा यह आकार ।
आपा मटि जीवति मरै, तो पावे करतार ।
Conclusion : Shant Ras का स्थायी भाव निर्वेद होता है जब व्यक्ति को परमात्मा का वास्तविक ज्ञान होता है और मोह माया से दूर होता है तब Shant Ras का वर्णन होता है Shant Ras के उदाहरण और भेद यहाँ बताए गए हैं।
FAQs About Shant Ras In Hindi
Q1. शांत रस किसे कहते हैं ?
Ans : जब व्यक्ति संसार के सभी कार्यों से मुक्त हो जाता है और परमात्मा के प्रेम ज्ञान होता है, तो वह शांत रस होता है।
Q2. शांत रस का स्थायी भाव क्या होता है
Ans : शांत रस का स्थायी भाव निर्वेद होता है।
Q3. शांत रस का वर्णन कब होता है ?
Ans : जब कभी मनुष्य की शांति के विषय की बात होती है, वहां पर Shant Ras का वाक्य का वर्णन किया जाता है।