व्याकरण को समझना काफी कठिन है इसलिए हम हमारी इस वेबसाइट पर व्याकरण से जुड़े छोटे-छोटे और बहुत ही उपयोगी पॉइंट्स लेकर आते हैं. आज हम इस आर्टिकल में अव्यय क्या है ? इसके भेद कितने है के बारें में बताने वाले हैं. मुझे उम्मीद है की हमारा यह आर्टिकल अव्यय से जुड़े आपके अनेक मतभेद क्लियर कर देगा. अगर आप अव्यय क्या है के बारें में विस्तार से नहीं जानते है तो हम यहाँ पर अव्यय क्या है उदाहरण के साथ बताने का प्रयास कर रहे हैं.
अव्यय क्या है इसके कितने प्रकार है इन सबके बारें में आपको यहाँ नीचे विस्तार से बताया जा रहा है. अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आये तो हमें कमेंट बॉक्स में जरुर बताना और अगर आपका किसी तरह का सवाल हो तो भी आप हमसे शेयर कर सकते हैं. खैर आइये जानते है अव्यय क्या है उदहरण के साथ –
अव्यय की परिभाषा
अव्यय का अर्थ है जिसका व्यय ना हो अव्यय को अविकारी शब्द भी कहा जाता है. अव्यय की परिभाषा है “ऐसे शब्द जो ‘लिंक’, ‘कारक’, और ‘वचन’ के अनुसार नहीं बदलते उन शब्दों को अव्यय शब्द कहा जाता है” जैसे – आज, कल, इधर, उधर, किन्तु, परन्तु, लेकिन, जब तक, अब तक, क्यों, इसलिए, किसलिए, अतः, अब, जब, तब, अभी, अगर, वह, वहाँ, यहाँ, बल्कि, अतएव, अवश्य, तेज, कल, धीरे, चूँकि, क्योंकि, धीरे-धीरे इत्यादि अनेक शब्द अव्यय शब्द की श्रेणी में आते है.
उदाहरण – ‘तुम बहुत तेज दोड़ते हो’ यहाँ ‘तेज’ शब्द को ‘लिंग’, ‘कारक’ और ‘वचन’ से फर्क नहीं पड़ता. वह ज्यों का त्यों रहता है. यहाँ अगर दोड़ते की जगह हम दोड़ती हो भी करेंगे तो ‘तेज’ शब्द में कोई परिवर्तन नही होगा.
अव्यय के भेद/प्रकार कितने है
हिंदी व्याकरण के अनुसार अव्यय के 5 भेद बताये गये है यह इस तरह है –
- क्रिया-विशेषण अव्यय
- सम्बन्धबोधक अव्यय
- समुच्चयबोधक अव्यय
- विस्मयादिबोधक अव्यय
- निपात अव्यय
क्रिया विशेषण अव्यय के बारें में
जो शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं वह क्रिया विशेषण अव्यय कहलाते हैं यह शब्द जैसे – यहाँ , तेज , अब , रात , धीरे-धीरे , प्रतिदिन , सुंदर , वहाँ , तक , जल्दी , अभी इत्यादि शब्द क्रिया विशेषण अव्यय में आते हैं.
उदाहरण – मैं प्रतिदिन लिखता हूँ. इस वाक्य में लिखता एक क्रिया है और इसकी विशेषता प्रतिदिन है. इसलिए यह क्रिया विशेषण वाला वाक्य होगा.
सम्बन्धबोधक अव्यय के बारें में
ऐसे अव्यय शब्द जो वाक्य में आकर संज्ञा और सर्वनाम का अन्य शब्दों के साथ सबंध बताते हैं. ऐसे शब्दों को सम्बन्धबोधक अव्यय शब्द कहते हैं. जैसे – पास, दूर, नीचे, पहले, बाद, विरुद्ध, कारण, अनुकूल, बिना, के साथ, अनुसार, प्रतिकूल, प्रति, अतिरिक्त, सिवा, हेतु, रहित इत्यादि ऐसे शब्द सम्बन्धबोधक अव्यय होते है.
उदाहरण – ‘मैं वहाँ पहुँचता उससे पहले वह निकल गई’ अब इस वाक्य में पहले शब्द दो संज्ञा को आपस में जोड़ रहा है.
समुच्चयबोधक अव्यय के बारें में
ऐसे अव्यय शब्द जो दो वाक्यांशो को आपस में जोड़ते है, ऐसे शब्दों को समुच्चयबोधक अव्यय शब्द कहा जाता है जैसे – इसलिए, और, तथा, एंव, परन्तु, किन्तु, चूँकि, क्योंकि, ताकि, कि, तो इत्यादि ऐसे शब्द जो दो वाक्यों को आपस में जोड़ते है.
उदाहरण – ‘वो हमारे गाँव में आये और उन्होंने गाँव में कुआ खोदा’ इस वाक्य में दो वाक्य है और दोनों को आपस में और जोड़ रहा है. ऐसे ही अनेक शब्द होते है जो वाक्यों को आपस में जोड़ते है.
विस्मयादिबोधक अव्यय के बारें में
ऐसे अव्यय शब्द जो मन के भावों को प्रकट करते हैं, यानि हर्ष, शौक़, घृणा और आश्चर्य को प्रकट किया जाए वह विस्मयादिबोधक अव्यय शब्द कहलाते है जैसे – ओह!, वाह!, आह!, छि:छि:!, अरे!, चुप!, धत! इत्यादि शब्द ऐसे है जो मन के भाव प्रकट करते है.
उदाहरण – ‘वाह! यह आम कितना रसीला है.’ इस वाक्य में वाह! मन के भाव प्रकट कर रहा है ऐसे अनेक शब्द होते है.
निपात अव्यय के बारें में
निपात वह अव्यय शब्द होते है जो किसी शब्द या पद के पीछे लगकर उसके अर्थ में विशेष बल लाते है निपात अव्यय शब्द कहलाते हैं. यानि जो शब्द वाक्य में आने वाक्य में नवीनता और चमत्कार उत्पन्न करते है वह शब्द निपात अव्यय होते है जैसे – ही, भी, तो, तक, मात्र, भर, जी, सा, केवल, मत जैसे शब्द निपात अव्यय होते हैं.
उदाहरण- ‘तुम ही उस रात चोरी करने आये थे.’ अब इस वाक्य में ही ने एक स्पष्टता दर्ज करवाई है. कि जो व्यक्ति चोरी करने आया था वह उसके सामने है. उसने उसे पहचान लिया है. कुछ इसी तरह निपात शब्द शब्दों में संशय ना लाकर उनमे स्पष्टता लाने का काम करते है.
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने अव्यय क्या है एंव इसके भेद/प्रकार के बारें में बताया है. अगर आपको हमारा यह आर्टिकल अच्छा लगा है तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें. यदि आपको व्याकरण को सही से समझना है तो हमारी वेबसाइट पर हर रोज विजिट करें. आपको अच्छे और ज्ञानवर्धक आर्टिकल व्याकरण पर मिलेंगे. इसलिए हमारी वेबसाइट को आप बुकमार्क जरुर कर लेंवे. मिलते है व्याकरण से जुड़े ऐसे ही नए और जानकारी वाले आर्टिकल के साथ तब तक के लिए धन्यवाद.