Bhasha In Hindi – पूरे हिंदी व्याकरण के विषय में बात की जाए तो हिंदी भाषा एक अहम विषय है क्योंकि भाषा की मदद से ही मनुष्य अपने भावों विचारों को दूसरों के सामने प्रकट कर पाता है “Bhasha In Hindi” पेज पर आप जानेंगे कि Bhasha Kise Kahate Hain, Bhasha Kitne Prakar Ki Hoti, Hai Aur Bhasha Ke Udaharan Kya Hai
भाषा की परिभाषा पेज पर आप पढ़ेंगे भाषा का महत्व क्या होता है, भाषा का उपयोग क्या है और इनकी विशेषताएं क्या क्या है ताकि आप भाषा के बारे में गहराई से समझ सके।
Bhasha Kise Kahate Hain – भाषा की परिभाषा हिंदी में
Bhasha बोलने का एक साधन है, भाषा के माध्यम से मानव अपने भावों – विचारों को दूसरों के सामने प्रकट कर सकता है मानव के मुख से निकलने वाले शब्द, अक्षर, वाणी, जुबान को “भाषा” कहते हैं मानव के मुख से निकलने वाली ध्वनि भाषा है यह भाषा स्थान के मुताबिक अलग अलग हो सकती है जैसे तेलुगू, मलयालम, हिंदी, पंजाबी।
जब मानव अपने मुंह से किसी वाक्य का उच्चारण करता है तो वह भाषा बोल रहा होता है भाषा की मदद से वह अपनी मन की बातों को लिख सकता है, बोल सकता है और सामने वाला उसे पढ़ सकता है और सुन सकता है।
साधारण शब्दों में भाषा की परिभाषा बताई जाए तो मानव के मुख से निकलने वाली ध्वनि “भाषा” कहलाती है।
Bhasha Ke Prakar – भाषा कितने प्रकार की होती है ?
भाषा के तीन रूप होते है-
- मौखिक भाषा
- लिखित भाषा
- सांकेतिक भाषा
Definition Of Maukhik bhasha – मौखिक भाषा किसे कहते हैं ?
मौखिक भाषा, भाषा का वह रूप है जिसमे मनुष्य अपने भावों और विचारों को बोलकर दूसरों के सामान में प्रकट करता है मुंह से विचारों का उच्चारण करना “मौखिक भाषा” कहलाता है मौखिक भाषा में इंसान अपने मुख की सहायता से अपने मन की बातों को दूसरों के सामने प्रकट करता है और दूसरा व्यक्ति उसे सुन सकता है और समझ सकता है।
मौखिक भाषा के उदाहरण – राम आज स्कूल नहीं गया क्योंकि उसे बुखार था उसने डॉक्टर से अपना चेकअप करवाया और दवाई खा कर वह आराम कर रहा है। इसमें वक्ता अपने सामने वाले व्यक्ति को मुख से बता रहा है।
Definition Of Likhit Bhasha – लिखित भाषा किसे कहते हैं ?
लिखित भाषा, भाषा का वह रूप है जिसमें इंसान अपने विचारों को लिखकर प्रकट करता है दूसरा इंसान उसे पढ़कर उसे समझ सकता है लिखकर अपने भावों विचारों को दर्शना “लिखित भाषा” कहलाता है इसमें दूसरा इंसान भाव विचारों को पढ़कर उसके उनके अंदर की बातों को पता लगाता है।
लिखित भाषा के उदाहरण – रमेश अपने अध्यापक से यह निवेदन करता है कि उसे कोई जरूरी काम पड़ने के कारण वह स्कूल में आज हाजिर नहीं हो सकता। इसमें वक्ता ने अपनी बात को लिख कर एक पत्र की मदद से अपने विचारों को सामने रखा है।
Definition Of Sanketak Bhasha – संकेतिक भाषा किसे कहते हैं ?
संकेतक भाषा उनके लिए है जो लिख नहीं सकते, या बोल नहीं सकते वह इशारो के माध्यम से और कुछ हाथों की क्रियाओं के माध्यम से अपने भावों और विचारों को दूसरों के सामने प्रकट करते हैं ताकि आगे वाला समझ सके। वह हाथों की उंगलियों और इशारो की मदद से अपने भावों को दूसरों के सामने रखते हैं ऐसी भाषा को “संकेतक भाषा” कहते हैं क्योंकि यह संकेत के माध्यम से बताई जाती है।
संकेतिक भाषा के उदाहरण – आपने चौराहे पर खड़े ट्रैफिक पुलिस को इशारों से दिशाओं को बताते हुए देखा होगा यह “संकेतिक भाषा” का बड़ा उदाहरण है।
भाषा के विविध रूप कितने होते हैं ?
- बोलियाँ
- परिनिष्ठित भाषा
- राष्ट्र्भाषा
Bhasha Ki Paribhasha PDF Download
जो छात्र भाषा की परिभाषा प्रकार और उदाहरण जानना चाहते हैं या कोई ऐसे छात्र हैं जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं उन्हें पता होना चाहिए कि Bhasha Kise Kahate Hain और यह कितने प्रकार की होती है क्योंकि यह आम सवाल प्रतियोगी परीक्षा में हमेशा आते रहते हैं आप इस पेज Bhasha In Hindi पर Bhasha PDF Download कर सकते हैं।
Conclusion : भाषा एक ऐसा साधन है जिसकी मदद से इंसान अपने बातों को दुसरो के सामने प्रकट करता है भाषा किसी भी लैंग्वेज में हो सकती है भाषा की परिभाषा, उदाहरण और प्रकार पढ़ने के लिए यह पेज एक अच्छा सोर्स है।
FAQs About Bhasha Kise Kahate Hain :
Q1. भाषा की विशेषताएं क्या होती है ?
Ans : किसी और भाषा के मुकाबले हिंदी भाषा सीखना काफी आसान है।
Q2. हिंदी भाषा के तीन भेद कौन से हैं?
Ans : मौखिक भाषा, लिखित भाषा, सांकेतिक भाषा
Q3. राजभाषा क्या होती है ?
Ans : किसी राज्य में बोली जाने वाली भाषा को राजभाषा कहते हैं।