लिंग किसे कहते हैं । लिंग के भेद, परिभाषा, उदाहरण

व्याकरण को समझना काफी कठिन है, इसलिए हमारी वेबसाइट पर हम व्याकरण से जुड़े अनेक टॉपिक लेकर आ रहे हैं. हम व्याकरण को बहुत ही बारीकी से आपको समझाने का प्रयास कर रहे हैं. आज के इस टॉपिक में हम ‘लिंग किसे कहते हैं’ के बारें में बात करने वाले हैं. हिंदी व्याकरण में लिंग दो प्रकार के होते है और वहीँ संस्कृत भाषा में लिंग को तीन प्रकार का बताया गया है. सभी भाषाओँ में लिंग की व्यवस्था किसी ना किसी तरीके से की गई है. वहीं अंग्रेजी भाषा में सर्वनाम के शब्दों से ही लिंग की पहचान की जाती है. 

आज हम यहाँ पर आपको व्याकरण में लिंग किसे कहते है एंव यह कितने प्रकार के होते है के बारें में बताने वाले हैं. यहाँ हमारी कोशिश यही रहेगी की जितने कम शब्दों में आपको लिंग क्या है के बारें में समझा पाए उतना ही आपके लिए अच्छा होगा. वैसे तो अगर लिंग क्या है एंव लिंग के शब्दों का जिक्र किया जाए तो हम पूरा दिन लिख सकते हैं. लेकिन हम आपको लिंग से जुड़ी जरुरी जानकारी से अवगत करायेंगे. तो आइये जानते है व्याकरण में लिंग किसे कहते है – 

लिंग की परिभाषा 

लिंग की साधारण परिभाषा “जिस संज्ञा शब्द से कर्ता (स्त्री/पुरुस/निर्जीव) की जाति का पता चलता हो उसे लिंग कहा जाता है. लिंग को साधारण समझने के लिए हमें इस शब्द के अर्थ के बारें में समझना होगा. लिंग शब्द संस्कृत भाषा का शब्द है और इसका अर्थ निशान होता है. ऐसे ही जब किसी वाक्य में किसी स्त्री या पुरुष के बारें में जिक्र होता है तो यह वाक्य में कुछ निशान (यानि ऐसे शब्द जो लिंग/जाति की पहचान करवाते हैं) छोड़ देता है. जिससे हमें वाक्य में किसका जिक्र हो रहा है स्त्री, पुरुष या फिर किसी निर्जीव का के बारें में पता चलता है. 

उदाहरण – ‘मोहन गाँव में खेलता है’, ‘गोमती मंदिर में भजन गाती है’ इन वाक्यों में खेलता से हमें प्रतीत होता है की वह लड़का है. वहीं दुसरे वाक्य में गाती से हमें प्रतीत होता है की वह लड़की है. इसी तरह से हम लिंग की पहचान करते है. 

लिंग के भेद/प्रकार 

हिंदी व्याकरण में लिंग दो भेद होते है – 

  1. पुल्लिंग 
  2. स्त्रीलिंग 

पुल्लिंग के बारें में 

ऐसे शब्द जिनसे हमें पुरुष जाति का बोध होता है उन शब्दों को पुल्लिंग शब्द कहा जाता है जैसे – पिता, भाई, लड़का, खेलता, गाता, घूमता, शिव, हनुमान, राम, बैल, घोड़ा इत्यादि ऐसे शब्द जो हमें पुरुष जाति का बोध करवाते है पुल्लिंग की श्रेणी में आते हैं. 

उदाहरण – 

  • वह रोज रात को घर आता है. 
  • वह हमेशा गाता है. 
  • इंद्र वर्षा का राजा है. 
  • गुलशन कुमार बहुत अच्छा गाता था. 
  • वह बहुत अच्छा लिखता है. 

पुल्लिंग शब्द की पहचान कैसे करें 

अब बहुत से स्टूडेंट ऐसे है जो वाक्य को पढने के बाद सही से पुल्लिंग शब्द की पहचान नहीं कर पाते हैं. इसलिए हम इस टेबल में कुछ ऐसे शब्दों लिख रहे है, यदि किसी शब्द के पीछे ऐसे शब्द आये तो उन्हें आप पुल्लिंग कह सकते हैं जैसे – 

पुल्लिंग शब्द की पहचान करने का तरीका
शब्द के पीछे आने वाले शब्दउदाहरण
अ खटमल
त्व महत्व
आ लड़का
आव लगाव
पा मोटापा
पन बचपन
न तन 

(इसे और भी साधारण समझने के लिए आप इस तरह से समझ सकते हैं की ऐसे शब्द जिन्हें बोलने और पढने में अ, आ, त्व, आव, पा, पन, न की ध्वनी निकली है वे शब्द पुल्लिंग होते है.) 

पुल्लिंग में याद रखने वाली बातें 

इस टेबल में हम उन शब्दों को लिख रहे है जो हमेशा पुल्लिंग होते है आप इस टेबल में वह नाम देख सकते है जो पुल्लिंग है. 

पुल्लिंग में याद रखने वाली बातें
पर्वतों के नाम पुल्लिंग होते हैंहिमालय , हिमाचल , विघ्यांच्ल , सतपुड़ा , आल्प्स , यूराल , कंचनजंगा , एवरेस्ट , फूजियामा , कैलाश , मलयाचल , माउन्ट एवरेस्ट इत्यादि. 
दिनों के नाम पुल्लिंग होते हैंसोमवार , मंगलवार , बुद्धवार , वीरवार , शुक्रवार , शनिवार , रविवार इत्यादि.
देशों के नाम पुल्लिंग होते हैंभारत , चीन , ईरान , यूरान , रूस , जापान , अमेरिका , पाकिस्तान, अफगानिस्तान इत्यादि. 
धातुओं के नाम पुल्लिंग होते हैंसोना , ताम्बा , पीतल , लोहा ,चाँदी , पारा इत्यादि. 
नक्षत्रों के नाम पुल्लिंग होते हैंसूर्य , चन्द्र , राहू , आकाश , शनि , बुद्ध , बृहस्पति , मंगल , शुक्र एंव केतु इत्यादि. 
महीनों के नाम पुल्लिंग होते हैंफरवरी , मार्च , चैत , आषाढ़ , फागुन इत्यादि, 
द्रवों के नाम पुल्लिंग होते हैंपानी , तेल , पेट्रोल , घी , शरबत , दही , दूध इत्यादि. 
पेड़ों के नाम पुल्लिंग होते हैंकेला , पपीता , शीशम , सागौन , जामुन , बरगद , पीपल , नीम , आम , अमरुद , देवदार , अनार इत्यादि.
सागर के नाम पुल्लिंग होते हैंहिन्द महासागर , प्रशांत महासागर , अरब महासागर इत्यादि. 
समय के नाम पुल्लिंग होते हैंघंटा , पल , क्षण , मिनट , सेकेंड इत्यादि. 
धान का नाम भी पुल्लिंग होते हैंगेंहूँ , बाजरा , चना , जौ इत्यादि. 
वर्णमाला के अक्षरों के नाम पुल्लिंग होते हैंअ , उ , ए , ओ , क , ख , ग , घ , च , छ , य , र , ल , व् , श. 
प्राणीवाचक शब्द हमेशा पुरुष जाति का ही बोध करते हैं इसलिए वो भी पुल्लिंग होते हैबालक , गीदड़ , कौआ , कवि , साधु , खटमल , भेडिया , खरगोश , चीता , मच्छर , पक्षी इत्यादि. 
मूह वाचक संज्ञा भी पुल्लिंग होती है मण्डल , समाज , दल , समूह , सभा , वर्ग , पंचायत इत्यादि. 
फूलों के नाम पुल्लिंग होते हैंगेंदा , मोतिया , कमल , गुलाब इत्यादि. 
शरीर के यह अंग पुल्लिंग होते हैंहाथ , पैर , गला , अंगूठा , कान , सिर , मुंह , घुटना , ह्रदय , दांत , मस्तिष्क इत्यादि. 
दान , खाना , वाला से खत्म होने वाले शब्द हमेशा पुल्लिंग होते हैंखानदान , पीकदान , दवाखाना , जेलखाना , दूधवाला , दुकानवाला, पैसेवाला, जुतेवाला , गायवाला, गोदान इत्यादि. 

पुल्लिंग में अपवाद शब्द 

कुछ ऐसे शब्द होते है जो पढने में तो स्त्रीलिंग लगते है लेकिन उन्हें पुल्लिंग की श्रेणी में रखा जाता है. इनके पीछे प्राचीन नियम होते है लेकिन यह शब्द बहुत कम है. यह शब्द इस तरह है – पक्षी , फरवरी , एवरेस्ट , मोतिया , दिल्ली , स्त्रीत्व इत्यादि. 

स्त्रीलिंग के बारें में 

वह संज्ञा शब्द जो कर्ता की स्त्री जाति का बोध करवाता हो वह स्त्रीलिंग कहलता है. स्त्रीलिंग शब्द जैसे – नारी, माता, यमुना, गंगा, कुर्सी, लक्ष्मी, गाय इत्यादि ऐसे शब्द है जो स्त्रीलिंग में आते हैं. आप यह समझ सकते है की जो शब्द स्त्री जाति का बोध करवाते है वह शब्द हमेशा स्त्रीलिंग होते है. 

उदाहरण 

  • गाय घास खाती है. 
  • रीना बहुत शरारती है. 
  • अमीषा हमेशा गाना गाती है. 
  • अंगूर हमेशा लोमड़ी खाती है. 
  • मोहनी नाचती बहुत अच्छा है. 

स्त्रीलिंग प्रत्यय क्या है 

ऐसे शब्द जो किसी पुल्लिंग शब्द को स्त्रीलिंग शब्द में बदलते है, वह स्त्रीलिंग प्रत्यय होते है. इन्हें शब्द के आखिर में जोड़ा जाता है. यह स्त्रीलिंग प्रत्यय इस तरह है – 

  • ई = लड़ा – लड़ी 
  • इनी = योगी – योगिनी
  • इन = माली-मालिन 
  • नि= हंस-हंसनि, डॉक्टर-डॉक्टरनी 
  • आनी = देवर-देवरानी, जेठ-जेठानी, सेठ-सेठानी,
  • आइन = पंडित-पंडिताइन, ठाकुर-ठकुराइन
  • इया – बेटा-बेटियां, लड़का-लड़कियां, कुता-कुतिया, लोटा-लुटिया

स्त्रीलिंग की पहचान कैसे करें 

अगर किसी शब्द के अंत में यह शब्द आते है जैसे – ख, ट, वट, हट, आनी, आई,  जैसे शब्द आये तो वह शब्द स्त्रीलिंग होते है. जैसे – 

ख- लाख, मुख, ईख
ट- आहट 
वट – लिखावट
हट- घबराहट
आई – लुगाई
आनी- इन्द्रानी 

स्त्रीलिंग में याद रखने वाली बातें 

कुछ ऐसी बातें है जो स्त्रीलिंग को समझने के लिए याद रखनी चाहिए. क्योंकि कुछ शब्दों की पहचान हमें ना तो स्त्रीलिंग प्रत्यय से होती है और ना ही किसी शब्द से, चूँकि वह शब्द व्याकरण में नियमों के साथ स्त्रीलिंग बने है ऐसे शब्दों को हमेशा स्त्रीलिंग श्रेणी में रखा जाता है. इसलिए आपको हम नीचे जो बता रहे है वह गौर से पढ़ें – 

स्त्रीलिंग में याद रखने वाली बातें
भाषा, बोलियां या लिपियों के नाम हमेशा स्त्रीलिंग होते है. हिंदी , संस्कृत , देवनागरी , पहाड़ी , अंग्रेजी ,पंजाबी गुरुमुखी , फ्रांसीसी , अरबी ,फारसी, ज़र्मन ,बंगाली , रुसी आदि
अनुस्वारांत , ईकारांत , उकारांत , तकारांत , सकारांत आदि संज्ञाएँ आती है वे स्त्रीलिंग होते हैं.रोटी , टोपी , नदी , चिट्ठी , उदासी , रात , बात , छत , भीत , लू , बालू , दारू , सरसों , खड़ाऊं , प्यास , वास , साँस , नानी , बेटी , मामी , भाभी आदि
नदियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैंगंगा , यमुना , गोदावरी , सरस्वती , रावी , कावेरी , कृष्णा , व्यास , सतलुज , झेलम , ताप्ती , नर्मदा इत्यादि. 
तरीखो और तिथियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैंपहली , दूसरी , प्रतिपदा , पूर्णिमा , पृथ्वी , अमावस्या , एकादशी , चतुर्थी , प्रथमा इत्यादि 
नक्षत्रो के नाम स्त्रीलिंग होते हैंअश्विनी , भरणी , रोहिणी , रेवती , मृगशिरा , चित्रा इत्यादि 
हमेशा स्त्रीलिंग रहने वाली संज्ञा होती हैंमक्खी , कोयल , मछली , तितली , मैना इत्यादि 
समूहवाचक संज्ञा स्त्रीलिंग होते हैंभीड़ , कमेटी , सेना , सभा , कक्षा इत्यादि 
प्राणीवाचक संज्ञा स्त्रीलिंग होती हैंधाय , संतान , सौतन इत्यादि, 
पुस्तकों के नाम स्त्रीलिंग होते हैंकुरान , रामायण , गीता , रामचरितमानस , बाइबल , महाभारत इत्यादि. 
आहारों के नाम स्त्रीलिंग होते हैंसब्जी , दाल , कचौरी , पूरी , रोटी , पकोड़ी इत्यादि 
शरीर के अंगों के नाम स्त्रीलिंग होते हैंआँख , नाक , जीभ , पलक , उँगली , चिन इत्यादि. 
आभुष्ण और वस्त्रों के नाम स्त्रीलिंग होते हैंसाड़ी , सलवार , चुन्नी , धोती , टोपी , पेंट , कमीज , पगड़ी , माला , चूड़ी , बिंदी , कंघी , नथ , अंगूठी इत्यादि. 
राशि के नाम स्त्रीलिंग होते हैंकुम्भ , मीन , तुला , सिंह , मेष , कर्क इत्यादि. 

स्त्रीलिंग अपवाद 

स्त्रीलिंग में कुछ ऐसे शब्द भी शामिल किये गये है जो एक बार देखने में तो पुल्लिंग लगते है लेकिन उन्हें स्त्रीलिंग श्रेणी में रखा गया है जैसे – जनवरी , मई , जुलाई , पृथ्वी , मक्खी , ज्वार , अरहर , मूंग , चाय , काफी , लस्सी , चटनी , इ , ई , ऋ , जीभ , आँख , नाक , उँगलियाँ , सभा , कक्षा , संतान , प्रथम , तिथि , छाया , खटास , मिठास इत्यादि शब्द है जो स्त्रीलिंग में शामिल है. इन्ही शब्दों को स्त्रीलिंग अपवाद कहा गया है. 

पुल्लिंग शब्द को स्त्रीलिंग कैसे बनाये 

पुल्लिंग शब्दों को स्त्रीलिंग बनाने के लिए कुछ नियम है अगर इन नियमों को ध्यान से पढ़ लिया जाए तो आप आसानी से पुल्लिंग शब्द को स्त्रीलिंग में बदल सकते है. 

नियम – 

 ‘अ, आ’ पुल्लिंग शब्दों को जब ‘ई’ कर दिया जाता है तब वह शब्द स्त्रीलिंग बन जाता है जैसे – 

  • नाना-नानी
  • काका-काकी 
  • मामा-मामी 
  • लड़का-लड़की 
  • मुर्गा-मुर्गी 
  • काला-काली 
  • बंदर-बंदरी 
  • मोटा-मोटी 

जब ‘अ, आ और वा’ की जगह इया लगा दिया जाता है तब कुछ पुल्लिंग शब्द स्त्रीलिंग बन जाते है जैसे – 

  • बंदर-बंदरिया 
  • बेटा-बेटियां 
  • गोली-गोलियां 
  • कुता- कुतिया 
  • चिड़ा-चिड़िया 

जब ‘अक’ जैसे पुल्लिंग शब्दों को हटाकर ‘इका’ जोड़ दिया जाता है तब वह पुल्लिंग शब्द स्त्रीलिंग बन जाता है जैसे – 

  • लेखक-लेखिका 
  • गायक- गायिका 
  • बालक –बालिका 
  • नाविक-नाविका 
  • पालक-पालिका 
  • संपादक-संपादिका 
  • पाठक-पाठिका 
  • अध्यापक-अध्यापिका 

कुछ पुल्लिंग शब्दों के आगे हमें ‘मादा’ लगाना पड़ता है, यह अक्सर जानवरों और पक्षियों के लिए उपयोग किया जाता है जैसे – 

  • भेड़- मादा भेड़ 
  • भालू- मादा भालू 
  • भेड़िया- मादा भेड़िया 
  • उल्लू –मादा उल्लू 
  • खटमल – मादा खटमल 
  • मच्छर – मादा मच्छर 

हमने उपर आपको अनेक प्रत्यय बताये है अगर उन प्रत्यय को हटाकर स्त्रीलिंग प्रत्यय जोड़ा जाता है तो पुल्लिंग शब्द स्त्रीलिंग बन जाता है. 

निष्कर्ष 

हमने यहाँ पर ‘लिंग क्या है एंव इसके कितने भेद है’ के बारें में लिखा है. आपको हमारा यह आर्टिकल कैसा लगा हमें जरुर बताएं. यदि आपको आर्टिकल अच्छा लगा है तो अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें. लिंग से जुड़ा अन्य कोई प्रश्न भी आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है. हम आपके प्रश्न का जवाब जल्द से जल्द देने का प्रयास करेंगे. तो मिलते है ऐसे ही व्याकरण से जुड़े अन्य आर्टिकल के साथ, तब-तक के लिए धन्यवाद. 

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