Samuchchay bodhak Avyay In Hindi – जैसे-जैसे छात्र आगे की जमात में जाते रहते हैं वह पिछले की हुई पढ़ाई धीरे-धीरे भूलने लगते हैं, फिर उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं में कठिनाइयां आती है बहुत सारी प्रतियोगी परीक्षाओं में, दसवीं और छठी कक्षा वाले प्रश्न आते हैं यहां पर क महत्वपूर्ण विषय को कवर किया गया है जिसका नाम है “Samuchchay bodhak Avyay”
आज हम यहां पर पढ़ेंगे Samuchchay bodhak Avyay Kise Kahate Hain, Samuchchay bodhak Avyay Ke Kitne Bhed Hote Hain और उनके नियम, विशेषताएं क्या है।
Definition Of Samuchchay bodhak Avyay In Hindi – समुच्चयबोधक अव्यय की परिभाषा
Samuchchay bodhak Avyay का अर्थ होता है – जोड़ना। किसी पद में वह शब्द जो एक वाक्य को दूसरे वाक्य से जोड़ते हैं अर्थात जब एक शब्द को दूसरे शब्दों के साथ जोड़ा जाता है तो उसे बनाने वाले अवयव को Samuchchay bodhak Avyay कहते हैं।
Samuchchay bodhak Avyay को इंग्लिश भाषा में कंजक्शन कहते हैं साधारण शब्दों में हम कह सकते हैं कि जब किसी एक शब्द को दूसरे शब्दों का योग बना लिया जाता है तो वह Samuchchay bodhak कहलाता है।
Types Of Samuchchay bodhak Avyay In Hindi – समुच्चयबोधक अव्यय के भेद
- समानाधिकरण समुच्चय-बोधक अव्यय
- व्यधिकरण समुच्चय-बोधक अव्यय
समानाधिकरण समुच्चय-बोधक अव्यय 4 प्रकार के होते है
- संयोजक
- विभाजक
- विरोधसूचक
- परिणामसूचक
संयोजक : Samuchchay bodhak Avyay के वह पद जिसमें समानाधिकरण वाक्य में और, तथा जैसे शब्द का उपयोग किया जाता है उन्हें संयोजक कहा जाता है। उदाहरण के लिए – रमेश और महेश भाई है।
विभाजक : वाक्य में वह शब्द जिसमें अन्यथा, चाहे जैसे शब्दों का उपयोग होता है जो एक विकल्प पैदा करते हैं उन्हें विभाजक कहते हैं। उदाहरण के लिए – तुम गेम खेलो या पढ़ाई कर लो।
विरोध-सूचक : कुछ ऐसे वाक्य जिसमें किसी शब्दों के कारण आपस में विरोध उत्पन्न होते हैं उन्हें विरोध सूचक कहते हैं। उदाहरण के लिए – अमरूद कच्चे हैं, लेकिन लजीज है।
परिणाम-सूचक : हिंदी पद रचनाओं या वाक्य में कुछ ऐसे शब्द जो किसी परिणाम की ओर इशारा या संकेत करते हैं उन्हें परिणाम सूचक कहते हैं। उदाहरण के लिए – जिस कारण या उस तरीके से।
Vyadhikaran Samuchchay Bodhak Ke Prakar
- हेतुबोधक या कारणबोधक
- संकेतबोधक
- स्वरूपबोधक
- उद्देश्यबोधक
हेतु-बोधक या कारण-बोधक : समुच्चयबोधक अवयव में कुछ ऐसे वाक्य या शब्द होते हैं, जिसके कारण किसी वाक्य का अर्थ है स्पष्ट हो जाता है उसे हेतु बोधक या कारण बोधक कहते हैं। उदाहरण के लिए – रमेश घर पर है, क्योंकि वह बीमार है।
संकेत-बोधक : शब्दों में कुछ ऐसे अवयव मौजूद होते हैं जिसमें पहले उपवाक्य दूसरे की ओर संकेत करता है और वह अगले उपवाक्य में होता है उसे संकेत बोधक कहते हैं। उदाहरण के लिए – जैसे ही बाढ़ आई घर डूब गए।
स्वरूप-बोधक : जब वाक्य में ऐसे अव्यय आ जाते हैं जिससे पहले उपवाक्य को स्पष्ट किया जाता है तो उसे स्वरूप बोधक कहा जाता है। उदाहरण के लिए – बॉक्सिंग की रानी मेरी कोम है
उद्देश्य-बोधक : वाक्य में वह शब्द जिसमें किसी कार्य का उद्देश्य प्राप्त होता है उसे उद्देश्य बोधक कहते हैं उदाहरण के लिए – वह मेहनत करता है ताकि उसे सफलता मिले।
Conclusion : हिंदी भाषा में समुच्चयबोधक अवयव का कार्य वाक्य और अवयव के पदों में शब्दों के जुड़ाव से होता है इसमें एक शब्द को दूसरे शब्द या अवयव से जोड़ते हैं ताकि रचनाओं में और स्पष्टता लाई जा सके उन्हें ही Samuchchay bodhak Avyay कहा जाता है।
FAQs About Samuchchay bodhak Avyay In Hindi
Q1. समुच्चयबोधक अव्यय क्या होते हैं ?
Ans : वाक्य में वह शब्द जो एक दूसरे शब्दों को आपस में जोड़ते हैं उन्हें समुच्चयबोधक अवयव कहते हैं।
Q2.समुच्चयबोधक अव्यय कितने प्रकार के होते है ?
Ans : समुच्चयबोधक अवयव दो प्रकार के होते हैं :
- समानाधिकरण समुच्चय-बोधक अव्यय
- व्यधिकरण समुच्चय-बोधक अव्यय
Q3. समानाधिकरण समुच्चय-बोधक अव्यय कितने प्रकार के होते हैं ?
Ans : समानाधिकरण समुच्चय-बोधक अव्यय चार प्रकार के होते हैं :
- संयोजक
- विभाजक
- विरोधसूचक
- परिणामसूचक