Ras Kise Kahate Hain – रस की परिभाषा, भेद और उदाहरण

Ras in Hindi – हिंदी व्याकरण में बहुत से अहम विषय हैं, उसमें से एक विषय है Kavya Ras, और आज हम उसी के बारे में इस पेज Ras In Hindi पर पढ़ने वाले हैं Ras विषय को लेकर यहां पर सभी टॉपिक को सरल भाषा में कवर किया गया है, यदि आप पढ़ना चाहते हैं Ras Kise Kahate Hain, Ras Kitne Bhed Hote Hai, तो आप सही जगह हैं यहां आपको रस विषय के ऊपर संपूर्ण जानकारी दी गई है। 

Defination Of Ras in Hindi – रस की परिभाषा

जब कोई पाठक किसी कविता, कहानी को पढता या सुनता है और उससे उत्पन्न होने वाले उसके मन में भावों विचारों और आनंद को रस कहते हैं, मानव के मन में उत्पन्न होने वाले भाव – विचार ही रस कहलाते हैं रस आनंद, भाव – विचार यह सब उसी के शब्द है जिसे अंग्रेजी भाषा में Emotions कहते हैं। 

आपने यह महसूस किया होगा कि हर इंसान अपने मन के भावों विचारों को अलग-अलग तरीकों से लोगों के सामने प्रस्तुत करता है और जो मानव दूसरे व्यक्ति के भाव सुनकर आनंदमय महसूस करता है उसे रस कहा जाता है। 

Types Of Ras In Hindi – रस के प्रकार

हिंदी व्याकरण में रस 11 प्रकार के होते हैं जिनके नाम आप नीचे लिस्ट के माध्यम से जान सकते हैं, और ज्यादा जानने के लिए आप लिंक पर क्लिक करके उनके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 

क्रमांकरस का प्रकारस्थायी भाव
1वीभत्स रसघृणा, जुगुप्सा
2हास्य रसहास
3करुण रसशोक
4रौद्र रसक्रोध
5वीर रसउत्साह
6भयानक रसभय
7शृंगार रसरति
8अद्भुत रसआश्चर्य
9शांत रसनिर्वेद
10भक्ति रसअनुराग,देव रति
11वात्सल्य रसप्रेम

Ras Ke Aang – रस के कितने अंग होते हैं  ?

हिंदी व्याकरण में रस के 4 अंग होते हैं :

  • स्थायी भाव
  • विभाव
  • अनुभाव
  • संचारी भाव

स्थायी भाव किसे कहते हैं ?

मानव के अंदर कुछ ऐसे भाव समाहित होते हैं जो स्थायी रूप से पहले ही मौजूद होते हैं ऐसे भाव को “स्थायी भाव” कहते हैं स्थायी भाव को प्रधान भाव भी कहा जाता है, क्योंकि यह भावो का प्रधान होता है स्थायी भाव रस की अवस्था तक पहुंचाता है। ऋषि मुनियों के आधार पर रस नौ माने जाते थे लेकिन बाद में दो और रस को मान्यता दी, जिसके आधार पर 11 रस हो गए जिनके भाव नीचे मौजूद है। 

विभाव किसे कहते हैं ?

जब मानव के मन में कुछ ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न होती है जिनके कारण स्थायी भाव जागृत और तेज होते हैं तो उन्हें विभाव कहते हैं विभाव दो प्रकार के होते हैं – आलम्बन विभाव और उद्दीपन विभाव

आलम्बन विभाव – जब मानव के मन में कुछ किसी परिस्थिति या वस्तु के कारण कोई विभाव तेज होता है तो उसे आलम्बन विभाव कहते हैं उदाहरण के लिए नायक और नायिका आलम्बन विभाव के भी दो भेद निकल कर आते हैं :

आश्रय और विषय 

आश्रय – वह इंसान जिसके मन में रति मानक स्थायी भाव जागृत होते हैं तो उन्हें आश्रय कहते हैं

विषय – जिस मानव के मन में किसी कारण या परस्थिति के कारण नामक स्थायी भाव जागृत हों, उन्हें विषय कहा जाता है। 

उद्दीपन विभाव जब मानव के मन में किसी कारण से मन के अंदर स्थायी भाव को जागृत करने वाले चेष्टाओं को उद्दीपन विभाव कहते हैं। 

इसके चार वेद आलम्बन की चेष्टाएं

  • आलम्बन के गुण
  • आलम्बन का अलंकार
  • तटस्थ

अनुभाव किसे कहते हैं ?

जैसा कि मैंने आपको बताया मानव अपने विचार को लोगों के सामने कई तरीके से व्यक्त करता है इसी तरह आलम्बन की उन चेष्टाओं को आश्रय के मन में स्थायी भाव का अनुभव कराती है जो मानव के मन में पहले से ही विद्यमान होती है उन्हें अनुभाव कहते हैं। 

अनुभव के चार प्रकार होते हैं

  • सात्विक अनुभाव
  • कायिक अनुभाव
  • मानसिक अनुभाव 
  • आहार्य अनुभाव 

संचारी भाव किसे कहते हैं ?

संचारी भाव वह भाव होते हैं आश्रय के मन में कई प्रकार के उत्पन्न होने वाले मनोवैज्ञानिक भावों को संचारी भाव कहते हैं जो संचार से जुड़े हुए होते हैं हिंदी व्याकरण के विषय में संचारी भाव की संख्या 33 बताई गई है जो नीचे आप टेबल के माध्यम से जान सकते हैं। 

क्रमांकसंचारी भाव
1निर्वेद
2आवेग
3दैन्य
4श्रम
5मद
6जड़ता
7उग्रता
8मोह
9विबोध
10स्वप्न
11अपस्मार
12गर्व
13मरण
14आलस्य
15अमर्ष
16निद्रा
17अवहित्था
18उत्सुकता
19उन्माद
20शंका
21स्मृति
22मति
23व्याधि
24संत्रास
25लज्जा
26हर्ष
27असूया
28विषाद
29धृति
30चपलता
31ग्लानि
32चिन्ता
33वितर्क

Conclusion : आज हमने हिंदी व्याकरण के बहुत महत्वपूर्ण विषय Ras पर आर्टिकल लिखा है, इस पेज Ras In Hindi पर हमने आपको बहुत ही सरल भाषा में बताया Ras Kya Hote Hai, Ras Kitne Prakar Ke Hote और उनके उदाहरण क्या है। 

FAQs About Ras Kise Kahate Hain 

Q1. रस की परिभाषा क्या है ?

Ans : जब मानव किसी प्रकार की कोई कविता सुनता है यहा पढ़ता है उसके मन के अंदर हो उत्पन्न होने वाले भाव, विचार, आनंद को रस कहते हैं

Q2. रास के कितने भेद होते हैं ?

Ans : रस के 11 भेद होते हैं श्रृंगार रस, हास्य रस, करूण रस, रौद्र रस, वीर रस, भयानक रस, विभत्स रस, अद्भुत रस, शान्त रस, वात्सल्य रस, भक्ति रस

Q3. रस के कितने अंग होते हैं ?

Ans : स्थायी भाव, विभाव, अनुभाव, संचारी भाव

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