Sandeh Alankar Kise Kahate Hain – संदेह अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण 

Sandeh Alankar In Hindi – अलंकार का उद्देश्य काव्य रचनाओं को सुंदर बनाने के लिए किया जाता है अलंकार के कई भेद होते हैं हिंदी व्याकरण में अलंकार का एक भेद है Sandeh Alankar जिसके बारे में आज हम इस पेज “Sandeh Alankar In Hindi” पर बात करने वाले हैं,

स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों ने यह विषय जरूर पढ़ा होगा, रिविज़न करने के लिए वह इस पोस्ट की मदद ले सकते हैं Sandeh Alankar Kise Kahate Hai, Sandeh Alankar Kitne Prakar Ke Hote Hai , संदेह अलंकार के उदाहरण और विशेषताएं यहां बताई गई है। 

Definition Of Sandeh Alankar In Hindi – संदेह अलंकार की परिभाषा

वह अलंकार जिसमे कोई वस्तु को देखकर मन में संशय रहता है तो उसे Sandeh Alankar कहते हैं

Sandeh Alankar में किसी वस्तु को देखकर मन में संशय पैदा होता है सुनिश्चित नहीं होता, विषय का आधा ज्ञान होता है उसे संदेह अलंकार कहते हैं। 

Examples Of Sandeh Alankar In Hindi – संदेह अलंकार के उदाहरण

1.की तुम तीन ईश्वर महँ कोऊ ?

 नर श्याम की तुम दोऊ ?

2. को तुम्ह राममल गौर सरीरा, छत्री रुप फिरहु बन बीरा 

की तुम्ही देवमहं कोऊ, नर राम की तुम्ह दोऊ ।।

3. कैंधौ रितुराज काज अवनि उसाँस लेत।

किधौं यह ग्रीषम की भीषण लुआर है।’’

Conclusion : वह अलंकार जहां पर उपमेय और उपमान के बीच अनिश्चित होने का वर्णन होता है और अनिश्चय वाली स्थिति बनी रहे, वह संदेह अलंकार के अंतर्गत आते हैं, इस स्थिति में मानव के मन में संकोच पैदा होता है। 

FAQs About Sandeh Alankar In Hindi

Q1. संदेह अलंकार किस अलंकार के अंतर्गत आता है ?

Ans : संदेह अलंकार अर्थअलंकार के अंतर्गत आता है, जो कि उसका भेद है

Q2. संदेह अलंकार का उदाहरण बताइए ?

Ans : वन देवी समझू तो वह तो होती है भेली-भाली।

Q3. संदेह अलंकार की पहचान क्या है ?

Ans : जहां पर उपमेय और उपमान में समस्या होने वाली स्थिति बनी रहती है कुछ निश्चित नहीं होता, वहां से संदेह अलंकार की पहचान होती है। 

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