Alankar in Hindi – अपने भावों और विचारों को व्यक्त करने के लिए हिंदी व्याकरण में ऐसे बहुत से विषय है जो वाक्यों शब्दों में किया जाता है जिससे वाक्यांश पूरी तरह से बदल जाते हैं आज यहाँ हम हिंदी व्याकरण के Alankar के बारे में पढ़ने वाले हैं Alankar Kya Hote Hai, Alankar Kitne Prakar Ke Hote Hai ?
Definition Of Alankar In Hindi – अलंकार की परिभाषा
यदि आप अलंकार को समझना चाहते हैं तो हम आपको एक उदाहरण देते हैं जिस तरह से स्त्रिया आभूषण का इस्तेमाल अपने आप को सजाने के लिए, सुंदर दिखाने के लिए करती है उसी तरह अलंकार शब्दों को विचारों को सुंदर बनाने के लिए करते है और उन्हें ही Alankar कहते हैं। या आप यह कह सकते हैं कि Alankar शब्दों का श्रृंगार है।
Alankar की मदद से शब्दों को सुंदर बना दिया जाता है जिससे भाव पढ़ने में मीठे लगते हैं Alankar का उपयोग सबसे ज्यादा काव्य रचनाओं में किया जाता है जिससे वह सौंदर्य बना देती है।
अन्य शब्दों में आप यह कह सकते हैं कि शब्दों और रचनाओं को सुंदर बनाना भावों को सुंदर तरीके से प्रकट करना अलंकार कहलाता है हम सभी जानते हैं कि हिंदी भाषा ग्लोबल लैंग्वेज होती जा रही है, हिंदी भाषाओं में शब्द, वाक्य का भंडार है जो वाक्यों को सुंदर तरीके से प्रकट करने की क्षमता रखता है और उन्हीं में से अलंकार अच्छा स्तोत्र है।
Types Of Alankaar In Hindi – अलंकार के प्रकार
Alankar वाक्यों को सुंदर बनाने के लिए उपयोग किया जाता है लेकिन हर Alankar का एक अलग उदेश्य होता है जो आप आगे पढ़ने वाले है अलंकार चार प्रकार के होते हैं
- शब्दालंकार
- अर्थालंकार
- उभयालंकार
- पाश्चात्य अलंकार
Conclusion : हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा शेयर किया गया यह पोस्ट जिसका नाम है Alankar Ki Paribhasha, Alankar Ke Prakar, पर आपको अलंकार विषय के ऊपर सरल भाषा में जानकारी मिली होगी।
FAQs About Alankar In Hindi
Q1. अलंकार का शाब्दिक अर्थ क्या होता है ?
Ans : अलंकार दो शब्दों से मिलकर बना है अलम + कार, अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है आभूषण, गहना
Q2. अलंकार की परिभाषा क्या है ?
Ans : अलंकार का उपयोग रचनाओं काव्यांश-वाक्यांश को सुंदर बनाने के लिए किया जाता है जिसे अलंकार कहते हैं।
Q3. हिंदी में कुल कितने अलंकार होते हैं और कौन से हैं ?
Ans : हिंदी में 10 अलंकार होते हैं अ- नुप्रास, उपमा, रूपक, अनन्वय, यमक, श्लेष, उत्प्रेक्षा, संदेह, अतिशयोक्ति, वक्रोक्ति आदि