Shabdalankar in Hindi – हमने हिंदी व्याकरण के अलंकार विषय को पूरा करने का प्रयास किया है अलंकार विषय का यह एक Shabdalankar भेद है जिसकी पूरी जानकारी आपको इस पेज Shabdalankar in Hindi पर पढ़ने को मिलेंगी, जैसे Shabdalankar Kise Kahate Hain, Shabdalankar Kitne Prakar Ke Hote Hai, और इनके उदाहरण क्या क्या है आइये विस्तार में पढ़ते हैं।
Definition Of Shabdalankar In Hindi – शब्दालंकार की परिभाषा
Shabdalankar दो शब्दों से मिलकर बनता है शब्द+अलंकार। Shabdalankar, अलंकार का वह रूप है जिसे यदि कोई शब्दों में उपयोग करता है तो चमत्कार हो जाता है, वह Shabdalankar है। शब्दों के जगह पर समानार्थी शब्द रखने पर उस चमत्कार का कोई अस्तित्व नहीं रहता, उन्हें Shabdalankar कहते हैं। Shabdalankar के दो रूपों माने गए हैं ध्वनि तथा अर्थ
Types Of Shabdalankar In Hindi – शब्दालंकार के भेद
- अनुप्रास अलंकार
- यमक अलंकार
- श्लेष अलंकार
- वक्रोक्ति अलंकार
- पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार
- वीप्सा अलंकार
Anupras Alankar In Hindi – अनुप्रास अलंकार
Anupras Alankar वह होते हैं जिसमें वर्ण एक वाक्य में बार-बार दोहराए जाते हैं अनुप्रास अलंकार में बार-बार वाक्यों को दोहराने को अनुप्रास अलंकार कहते हैं।
अनुप्रास अलंकार के भेद
- छेकानुप्रास अलंकार
- वृत्यानुप्रास अलंकार
- लाटानुप्रास अलंकार
- अन्त्यानुप्रास अलंकार
- श्रुत्यानुप्रास अलंकार
Yamak Alankar In Hindi – यमक अलंकार
यमक अलंकार में एक ही शब्द बार-बार आने पर लेकिन अलग-अलग अर्थ निकलते हैं, उन्हें Yamak Alankar कहा जाता है सरल शब्दों में कह सकते हैं एक वाक्य में शब्द बार-बार आना पर अर्थ भिन्न होने पर Yamak Alankar कहते हैं।
यमक अलंकार के भेद –
- अभंग पद यमक
- सभंग पद यमक
Shesh Alankar In Hindi – श्लेष अलंकार
जब किसी शब्द के स्थान पर किसी वाक्य में कोई शब्द एक बार इस्तेमाल होता है लेकिन उनके अर्थ अलग-अलग होते हैं उन्हें शेष अलंकार कहते हैं।
श्लेष अलंकार के भेद
- अभंग श्लेष
- सभंग श्लेष
Vakrokti Alankar In Hindi – वक्रोक्ति अलंकार
Vakrokti Alankar वह शब्द जो वक्ता द्वारा बोले जाने पर शब्द उनका श्रोता अर्थ निकलता है वह सभी Vakrokti Alankar माने जाते हैं।
वक्रोक्ति अलंकार के भेद
- काकु वक्रोक्ति अलंकार
- श्लेष वक्रोक्ति अलंकार
Punrukti Alankar in Hindi – पुनरुक्ति अलंकार
जब किसी वाक्य में कोई भी शब्द दो बार की गिनती में दोहराया जाता है या उस वाक्य में दो बार वाक्य का इस्तेमाल होता है तो उसे पुनरुक्ति अलंकार कहते हैं
उदाहरण – सवेरे सवेरे स्कूल जाना पड़ता है।
वीप्सा अलंकार वह अलंकार होते हैं जो हर्ष, भावों और विस्मयादिबोधक सभी को प्रभावशाली रूप से व्यक्त करने को वीप्सा अलंकार कहते हैं।
वीप्सा अलंकार के उदाहरण
मोहि-मोहि मोहन को मन भयो राधामय।
Conclusion : यदि आप हिंदी व्याकरण पढ़ने में रुचि रखते हैं तो उसी के अहम विषय Shabdalankar की जानकारी इस पेज Shabdalankar Kise Kahate Hain पर पढ़ सकते हैं जहां पर Shabdalankar के सभी भेद को सरल भाषा में कवर किया गया है।
FAQs About Shabdalankar Kise Kahate Hain
Q1. शब्दअलंकार कितने प्रकार के होते हैं ?
Ans : शब्दअलंकार 6 प्रकार के होते हैं
अनुप्रास अलंकार
यमक अलंकार
पुनरुक्ति अलंकार
वीप्सा अलंकार
वक्रोक्ति अलंकार
श्लेष अलंकार
Q2. शब्दअलंकार की परिभाषा क्या है ?
Ans : शब्दअलंकार , अलंकार का वह रूप होता है जिसमे शब्दों का उपयोग होने पर चमत्कार हो जाता है और उन शब्दों के स्थान पर समानार्थी शब्द उपयोग करने पर चमत्कार का कोई आस्तित्व नहीं रहता उन्हें शब्दअलंकार कर कहते हैं।
Q3. शब्द अलंकार के दो उदाहरण बताइए ?
Ans : कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय, वा खाये बौराये जग, जा पाये बौराये