Vowels In Hindi – आपने हिंदी ग्रामर के कई टॉपिक पढ़े होंगे, आज हम उसी हिंदी ग्रामर के Swar के बारे में विस्तार में जानने वाले हैं Swar Kya Hote Hai, Swar Kitne Prakar Ke Hote Hai, स्वर के कितने भेद होते हैं ? आइए उदाहरण सहित स्वर के बारे में जानते हैं।
Swar Kya Hote Hai – स्वर की परिभाषा हिंदी में
Swar वह वर्ण है जिसे उच्चारण करने या बोलने के लिए किसी अन्य वर्ण की जरूरत नहीं पड़ती, ऐसे वर्णो को Swar Khte Hai, स्वर को अंग्रेजी भाषा में Vowels कहते हैं। हिंदी भाषा में मूल रूप से कुल 11 स्वर होते हैं अ,आ,इ,ई,उ,ऊ,ऋ,ए,ऐ,ओ,औ। पूरी हिंदी वर्णमाला में 11 स्वर और 35 व्यंजन होते हैं।
Swar Kitne Prakar Ke Hote Hai – स्वरों के प्रकार हिंदी में ?
स्वरों का विभाजन कुछ इस प्रकार है :
उत्पत्ति या निर्माण के आधार पर स्वर :
- मूल स्वर
- दीर्घ स्वर
- संयुक्त स्वर
1) मूल स्वर की परिभाषा : मूल स्वर उन्हें कहते हैं जो सबसे पहले आते हैं और इसके बाद ही दूसरे स्वर बनते हैं। मूल स्वर के उदाहरण : अ, इ ,उ ,ऋ
2) दीर्घ स्वर की परिभाषा : वह स्वर जिसे मूल स्वर से जोड़ा जाता है उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। “दीर्घ स्वर” के उदाहरण : अ+अ= आ, इ+इ= ई, उ+उ= ऊ
3) संयुक्त स्वर की परिभाषा : जब दो स्वरों को जोड़कर एक स्वर बनता है तो उसे “संयुक्त स्वर” कहते हैं। संयुक्त स्वर के उदाहरण : अ,आ + इ, ई = ए – अ,आ + ए, ऐ = ऐ
मात्रा के आधार पर स्वरों के भेद
- ह्रस्व स्वर
- दीर्घ स्वर
- प्लुत स्वर
1) ह्रस्व स्वर की परिभाषा : वह सभी स्वर जिसको बोलते समय कम समय लगता है जिसमे किसी मात्रा का इस्तेमाल नहीं होता ऐसे स्वरों को “ह्रस्व स्वर” कहते हैं ह्रस्व स्वर को एकमात्रिक स्वर भी बोला जाता है, क्योंकि यह अकेले होते हैं। ह्रस्व स्वर के उदाहरण : अ, इ, उ, ऋ
2) दीर्घ स्वर की परिभाषा : वह स्वर जिसको बोलते समय ह्रस्व स्वर के मुकाबले अधिक समय लगता है ऐसे स्वरों को दीर्घ स्वर कहते हैं दीर्घ स्वर की संख्या 7 होती है जिनके उदाहरण नीचे मौजूद है दीर्घ स्वर के उदाहरण : आ, ई, ऊ, ए,ऐ,ओ,औ
3) प्लुत स्वर की परिभाषा : जिन स्वरों का उच्चारण करते समय दीर्घ स्वर से अधिक समय लगता है वह सभी प्लुत स्वर कहलाते हैं प्लुत स्वर का इस्तेमाल जब कोई रोता है या किसी को कोई पुकारता है तब होता है। प्लुत स्वर के उदाहरण : बाप रे! , रे मोहना, ओउम्
उच्चारण स्थिति के आधार पर स्वरों के भेद –
- अग्रस्वर
- मध्य स्वर
- पश्व स्वर्
1) अग्रस्वर की परिभाषा – वह स्वर जिसके उच्चारण में जीभ के अगले भागो का इस्तेमाल होता है उन्हें “अग्रस्वर” कहते हैं इसकी संख्या 4 होती है – जैसे इ, ई, ऋ, ए, ऐ
2) मध्य स्वर की परिभाषा – वह स्वर जिसको बोलते समय जीभ के बीच का भाग काम करता है उसे “मध्य स्वर” कहते हैं – जैसे अ
3) पश्व स्वर् की परिभाषा – जिन स्वरों को बोलते समय जिह्वा का पीछे वाला भाग काम करता है उसे “पश्व स्वर्” कहते हैं – जैसे आ, ओ ,उ ,औ, ऊ
FAQs About Vowels In Hindi :
Q1. स्वर किसे कहा जाता है ?
Ans. वह ध्वनिया जिनको बोलते समय किसी अन्य वर्णों की आवश्यकता नहीं होती स्वर कहते हैं।
Q2. हिंदी में कुल कितने स्वर होते हैं ?
Ans : हिंदी में कुल 11 स्वर होते हैं – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ।
Q3. स्वर के कितने भेद होते हैं ?
Ans : तीन भेद होते हैं – ह्रस्व स्वर, दीर्घ स्वर और प्लुत स्वर।