Dvikarmak Kriya In Hindi – इस पोस्ट की मदद से हमने Dvikarmak Kriya के बारे में बताया है यहां पर आपको जानकारी मिलेगी Dvikarmak Kriya Kise Kahate Hain, Dvikarmak Kriya कितने प्रकार की होती है और उनकी विशेषताएं, पहचान क्या है।
Definition Of Dvikarmak Kriya In Hindi – द्विकर्मक क्रिया की परिभाषा
द्विकर्मक का अर्थ है दो कर्म वाला। वह क्रिया जिसमें दो क्रिया के पूरे होने का पता चले उन्हें Dvikarmak Kriya कहते हैं क्योंकि इस Dvikarmak Kriya में दो क्रिया का पता चलता है इसलिए इसका नाम
Dvikarmak Kriya रखा गया है इसके पहले कर्म को प्राणी वाचक और दूसरा कर्म निर्जीव होता है Dvikarmak Kriya में जो दो क्रिया होती हैं उन दोनों क्रिया का फल दोनों कर्म पर पड़ता है।
Examples Of Dvikarmak Kriya In Hindi – द्विकर्मक क्रिया के उदाहरण
- रोहित ने माता को प्रणाम किया।
- डॉक्टर रोगी को दवा पिलाती है।
- राम अपनी बहन के साथ कार्टून देख रहा है।
- तुम कार से ऑफिस जा रहे हो।
- मै लैपटॉप से पढाई कर रहा हु।
- रोहन पौधों को पानी दे रहा है।
Conclusion : जिस वाक्य में कोई कर्म होता है उसके पहले कर्म को अकर्मक और दूसरे कर्म को सकर्मक कहते हैं और जब दोनों कर्म एक साथ पाए जाए तो वह द्विकर्मक क्रिया कहलाता है द्विकर्मक क्रिया से जुड़ी सभी जानकारी आप यहां से पढ़ सकते हैं।
FAQs About Dvikarmak Kriya In Hindi
Q1. द्विकर्मक क्रिया क्या होती है ?
Ans : वह क्रिया जिसमें दो क्रिया के होने का पता चलता है वह द्विकर्मक क्रिया कहलाती है।
Q2. द्विकर्मक क्रिया में कर्म कौन से होते हैं ?
Ans : द्विकर्मक क्रिया में प्राणी वाचक और कम निर्जीव कर्म होते हैं।
Q3. द्विकर्मक क्रिया में कुल कितने कर्म होते हैं ?
Ans : द्विकर्मक क्रिया में दो कर्म होते हैं, जिन्हे द्विकर्मक क्रियाएं कहा गया हैं।