Ananvay Alankar In Hindi – Ananvay Alankar अर्थालंकार का एक महत्वपूर्ण अंग है आज हम इस पोस्ट जिसका नाम है “Ananvay Alankar In Hindi” पर जानेंगे Ananvay Alankar Kise Kahate Hain, Ananvay Alankar कितने प्रकार के होते हैं और उनकी पहचान कैसे कर सकते हैं।
Ananvay Alankar उन अलंकार में से एक है जिसमें उपमेय को उपमान मान लिया जाता है।
Definition Of Ananvay Alankar In Hindi – अनन्वय अलंकार की परिभाषा
उन काव्य रचनाओं में जहां पर उपमान का अभाव होता है तो उस स्थिति में उपमेय को ही उपमान मान लेते है तब वह Ananvay Alankar बन जाता है। सरल शब्दों में कहा जाए कोई ऐसी वस्तु जिसकी तुलना में कोई और वस्तु नहीं होती, तो वस्तु को ही उत्तकष्ट मान लिया जाता है इसी को Ananvay Alankar कहते हैं।
Examples Of Ananvay Alankar In Hindi – अनन्वय अलंकार के उदाहरण
1.निरुपम न उपमा आन श्याम समानु श्याम, निगम कहे।
2. यद्यपि अति आरत-मारत है,
भारत के सम भारत है।
3. मुख मुख ही के समान सुंदर है।
Conclusion : Ananvay Alankar में उपमान का अभाव होता है जिसके कारण उपमेय को उपमान माना जाता है। यहां पर आपको Ananvay Alankar Ki Paribhasha, Ananvay Alankar Ke BHed उदाहरण और स्पष्टीकरण के साथ दिए गए हैं।
FAQs About Ananvay Alankar In Hindi
Q1. अनन्वय अलंकार किसे कहते हैं ?
Ans : वह अलंकार जिसमें उपमेय की समानता के लिए उपमान का अभाव होता है वह अनन्वय अलंकार कहलाते हैं।
Q2. अनन्वय अलंकार के उदाहरण बताइए ?
Ans : श्याम-से-श्याम सिया-से-सिया, सिरमोर बिरांचिं विचारिं सँवेरे ।
Q3. अनन्वय अलंकार की पहचान क्या होती है ?
Ans : जब एक ही वस्तु को उपमेय और उपमान मान लिया जाता है वहीं अनन्वय अलंकार की पहचान होती है।