Karmadharaya Samas In Hindi – आज हम यहां पर Karmadharaya Samas विषय के ऊपर पढ़ने वाले हैं, रेलवे, बैंकिंग जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में हिंदी व्याकरण से जुड़े हुए कई सारे टॉपिक आते रहते हैं,
आज हम उन्ही विषय पर बात कर रहे हैं Karmadharaya Samas Kise Kahate Hain, Karmadharaya Samas Kitne Prakar Ke Hote Hai, और उनकी पहचान कैसे कर सकते हैं।
Definition Of Karmadharaya Samas In Hindi – कर्मधारय समास की परिभाषा
Karmadharaya Samas एक ऐसा समास होता है जिसका पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेषय होता है Karmadharaya Samas के ऊपर उपमेय और उपमान जैसे युक्ति भी मौजूद होते हैं।
यदि आप Karmadharaya Samas के बारे में गहरी जानकारी जानना चाहते हैं या उनके बारे में और पढ़ना चाहते हैं तो पहले आपको विशेषण विषय का अध्ययन ध्यान से करना चाहिए, तभी आप इसे गहराई से समझ पाएंगे।
इस समास का उत्तर पद प्रधान होता है इसके पूर्व पद में उपमेय और उपमान अर्थात विशेषण और विशेष्य का संबंध होता है उसे ही Karmadharaya Samas कहते हैं।
Types Of Karmadharaya Samas In Hindi – कर्मधारय समास के भेद हैं
कर्मधारय समास के दो भेद होते हैं :
- विशेषता वाचक कर्मधारय समास
- उपमान वाचक कर्मधारय समास
विशेषता वाचक कर्मधारय समास
यह कर्मधारय समास विशेषता के भाव को प्रकट करता है इसे ही विशेषता वाचक करमधार्य समास कहते हैं
- विशेषण पूर्व पद
- विशेषणोत्तर पद
- विशेषणोभय पद
- विशेष्य पूर्व पद
- अव्यय पूर्व पद
- संख्या पूर्व पद
- मध्यम पद लोपी
उपमान वाचक कर्मधारय समास
यह समास उपमेय और उपमान के भाव को प्रकट करते हैं इससे उपवन वाचक कर्मधारे समास कहते हैं
- उपमापूर्व पद
- उपमानोत्तर पद
- अवधारणा पूर्व पद
- अवधारणोत्तर पद
Examples Of Karmadharaya Samas In Hindi – कर्मधारय समास के उदाहरण
- मंदबुद्धि – मंद है जिसकी बुद्धि
- नीलगगन – नीला है जो गगन
- महात्मा – महान् है जो आत्मा
- महर्षि – महान् है जो ऋषि
Conclusion : रचना के वह पद में जिसमें विशेषण और विशेषय में उपमान का कोई संबंध होता है यह एक पद के क्रम में होते हैं उन्हें ही कर्मधारय समास कहते हैं, कर्मधारय समास के उदाहरण, परिभाषा यहां पर बताए गए हैं।
FAQs About Karmadharaya Samas In Hindi
Q1.विशेषण-विशेष्य से युक्त पद के उदहारण बताइए ?
Ans : महेश्वर – महान है जो ईश्वर
Q2. कर्मधारय समास कितने प्रकार के होते हैं ?
Ans : कर्मधारय समास दो प्रकार के होते हैं – विशेषता वाचक कर्मधारय समास और उपमान वाचक कर्मधारय समास।
Q3. कर्मधारय समास के उदाहरण बताइए ?
Ans : नीलगगन – नीला है जो गगन