‎Bahuvrihi Samas Kise Kahate Hain – बहुब्रीहि समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण 

‎Bahuvrihi Samas In Hindi – यहां पर हम ‎Bahuvrihi Samas के बारे में पढ़ने जा रहे हैं जो जानना चाहते हैं कि ‎Bahuvrihi Samas क्या होते हैं, वह यहां से जान सकते हैं क्योंकि यहां पर ‎Bahuvrihi Samas Ki Paribhasha, भेद और उदाहरण स्पष्टीकरण के साथ बताए हैं। 

यह पोस्ट उन सभी छात्रों के लिए बहुत उपयोगी होने वाला है जो स्कूल में पढ़ रहे हैं या किसी कॉम्पिटेटिव एक्जाम की तैयारी कर रहे हैं। 

Definition Of ‎Bahuvrihi Samas In Hindi – बहुब्रीहि समास की परिभाषा

इस समास के अंतर्गत कोई भी पद प्रधान नहीं होता किसी और समास की अपेक्षा में आप देखते होंगे कि उसमें प्रथम या दूसरा पद आपको प्रधान पढ़ने को मिलता है, लेकिन इसमें ऐसा नहीं होता

‎Bahuvrihi Samas में जब दो पद आपस में मिलते हैं तो एक नए पद का निर्माण करते हैं एक नए शब्द बनता है जिसे आप तीसरा पद बोल सकते हैं वह Bahuvrihi Samas कहलाता है। 

Types Of ‎Bahuvrihi Samas In Hindi – बहुब्रीहि समास के भेद हैं 

  • समानाधिकरण बहुव्रीहि समास
  • व्याधिकरण बहुव्रीहि समास
  • तुल्ययोग बहुव्रीहि समास
  • व्यतिहार बहुव्रीहि समास
  • प्रादी बहुव्रीहि समास

समानाधिकरण बहुव्रीहि समास : वह समास जिसमें विभक्ति वाले शब्दों का उच्चारण हो वह सभी पद समाज सामान अधिकरण बहू वर्गी समाज कहलाते हैं

उदाहरण : त्रिनेत्र – जिसके तीन नेत्र है शिवजी

व्याधिकरण बहुव्रीहि समास : जिस समास के पहले और दूसरे पद में दोनों विभक्ति होते हैं उसे व्याधिकरण बहुव्रीहि समास कहते हैं। 

उदाहरण : सूर्यपुत्र – जो सूरज का पुत्र है कर्ण

तुल्ययोग बहुव्रीहि समास : जिसमे पहला पद सह हो और उसे समास को स लिखते हैं तो सह की जगह पर केवल स शब्द का उपयोग किया जाता है तो वहां पर तुल्य योग्य बहुव्रीहि समास होता है। 

उदाहरण : सपरिवार – जो परिवार के साथ होता है 

व्यतिहार बहुव्रीहि समास : जिस समास के अंतर्गत घात प्रतिघात कोई सूचक पद होता है वह व्यतिहार बहुव्रीहि समास कहलाते हैं। 

उदाहरण : गुंडागर्दी – जहाँ बिना डरे लड़ाई हुई।

प्रादी बहुव्रीहि समास : जिस समास में पहला पद उपसर्ग हो वह प्रादी बहुव्रीहि समास कहलाता है

उदाहरण : बेरहम – जो रेहम नहीं करता। 

Examples Of ‎Bahuvrihi Samas In Hindi – बहुब्रीहि समास के उदाहरण

षडाननवह जिसके षट् आनन हैं कार्तिकेय
सुग्रीववह जिसकी ग्रीवा सुन्दर है वानरराज
गौरीपुत्रगौरी पुत्र है जो श्री गणेश

Conclusion : जिसे पद में आपको कोई भी पद प्रधान ना मिले, तब आप वहां पर समझ सकते है कि यहां पर Bahuvrihi Samas की बात हो रही है इसमें दिए गए पद में प्रधानता नहीं होती अन्य पद की प्रधानता होती है, जब तीसरे पद का निर्माण होता है

FAQs About ‎Bahuvrihi Samas In Hindi

Q1. बहुब्रीहि समास की पहचान कैसे होती है ?

Ans : जब किसी पद में कोई पद प्रधान नहीं होता वह बहुब्रीहि समास की पहचान होती है क्योंकि इसमें तीसरा पद के निर्माण होता है। 

Q2. बहुब्रीहि समास कितने प्रकार के होते हैं ?

Ans : बहुब्रीहि समास पांच प्रकार के होते हैं

  • समानाधिकरण बहुव्रीहि समास
  • व्याधिकरण बहुव्रीहि समास
  • तुल्ययोग बहुव्रीहि समास
  • व्यतिहार बहुव्रीहि समास
  • प्रादी बहुव्रीहि समास

Q3. बहुब्रीहि समास के उदाहरण बताइए ?

Ans : तिरंगा – जिसमे तीन रंग हो राष्ट्रध्वज 

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