Anupras Alankar In Hindi – Anupras Alankar हिंदी व्याकरण के सबसे महत्वपूर्ण विषयों में से एक है हमने Anupras Alankar से जुड़ी सभी जानकारी इस पोस्ट Anupras Alankar In Hindi पर सरल शब्दों में बताई है जो आपको कॉम्पिटेटिव एक्जाम, और प्रतियोगी परीक्षाओं में काम आ सकती है। Anupras Alankar Kise Kahate Hain, Anupras Alankar कितने प्रकार के होते हैं और उनकी विशेषताएं क्या है आइये पढ़ते है :
Definition Of Anupras Alankar In Hindi – अनुप्रास अलंकार की परिभाषा
जब भी किसी काव्य रचना में किसी शब्द या अक्षर का उपयोग है उसे सुंदर बनाने के लिए बार-बार किया जाता है तो वह Anupras Alankar बनता है। सरल शब्दों में कह सकते हैं कि जिन रचनाओं में वर्ण और अक्षर बार-बार दोहराए जाते हैं उन्हें Anupras Alankar कहते हैं। किसी वर्ण या अक्षर की बार-बार आवृत्ति ही Anupras Alankar है।
Types Of Anupras Alankar In Hindi – अनुप्रास अलंकार के भेद हैं
- छेकानुप्रास अलंकार
- वृत्यानुप्रास अलंकार
- लाटानुप्रास अलंकार
- अन्त्यानुप्रास अलंकार
- श्रुत्यानुप्रास अलंकार
Examples Of Anupras Alankar In Hindi – अनुप्रास अलंकार के उदाहरण
- तरनि-तनूजा तट तमाल तरूवर बहु छाये।’
- कूकै लगी कोयल कदंबन पर बैठी फेरि।
- प्रतिभट कटक कटीले केते काटि काटि
Conclusion : जब किसी भी रचना में एक से अधिक बार एक ही व्यंजनों का उपयोग होता तो वह Anupras Alankar के अंतर्गत आते हैं यहां पर हमने Anupras Alankar Ki Paribhasha, उदाहरण सहित बताएं हैं जिनके भेद भी मौजूद है।
FAQs About Anupras Alankar In Hindi
Q1. अनुप्रास अलंकार का क्या मतलब होता है ?
Ans : वह अलंकार जिसमे वर्ण या अक्षर की बार-बार आवृति होती है, वह अनुप्रास अलंकार कहलाते हैं।
Q2. अनुप्रास अलंकार कितने प्रकार के होते हैं ?
Ans : अनुप्रास अलंकार पॉँच प्रकार के होते हैं :
- छेकानुप्रास अलंकार
- वृत्यानुप्रास अलंकार
- लाटानुप्रास अलंकार
- अन्त्यानुप्रास अलंकार
- श्रुत्यानुप्रास अलंकार
Q3. अनुप्रास अलंकार की पहचान क्या है ?
Ans : कोई वर्ण या व्यंजन जो बार-बार उपयोग होता है उससे अनुप्रास अलंकार की पहचान होती है।