Shringar Ras In Hindi – हिंदी व्याकरण में आपने रस विषय के बारे में तो जरूर पढ़ा होगा, हिंदी व्याकरण में रस के नो भेद होते हैं उनमें से एक भेद है श्रृंगार रस और आज हम इस पेज “Shringar Ras In Hindi” पर जानने वाले हैं Shringar Ras Kise Kahate Hain, श्रृंगार रस के कितने भेद होते हैं और उनके उदाहरण क्या है।
Definition Of Shringar Ras In Hindi – श्रृंगार रस परिभाषा
श्रृंगार रस, रति प्रेम का भाव होता है श्रृंगार रस में जब कोई पति-पत्नी के बीच प्रेम होता है तो उसे प्रेम में भाव उत्पन्न होता है उन्हें को श्रृंगार रस कहते हैं। Shringar Ras को रसों का राजा भी कहा जाता है। जब किसी के बीच प्रेम भाव का विचार रस के रूप में या रस की अवस्था में उपस्थित होता है तो वह Shringar Ras कहलाता है।
श्रृंगार रस के उदाहरण :
दरद कि मारी वन-वन डोलू वैध मिला नाहि कोई |
मीरा के प्रभु पीर मिटै, जब वैध संवलिया होई ।।
श्रृंगार रस के अवयव
श्रृंगार रस की अवस्था को पहचानने के लिए इनके कुछ अव्यय होते हैं जिनके माध्यम से आप Shingar Ras की पहचान कर सकते हैं :
- स्थायी भाव: रति
- आलंबन यानी विभाव : खुशबू, पंछियों का गुंजन, सुहावना मौसम
- उद्दीपन : कीर्ती या मान की इच्छा
- अनुभाव: नायक तथा नायिका की चेष्टाएं
- संचारी भाव: उन्माद, अभिलाषा
Types Of Shringar Ras In Hindi – श्रृंगार रस के भेद
- संयोग श्रृंगार
- वियोग या विप्रलम्भ श्रृंगार
संयोग श्रृंगार किसे कहते हैं ?
संयोग श्रृंगार रस में दो नायको के तन पास आने की सूचना देता है संयोग श्रृंगार रस में दो चरित्रों का मन और देह समीप आते हैं जिन्हें संयोग श्रृंगार रस बोलते है।
संयोग श्रृंगार के उदाहरण :
बतरस लालच लाल की, मुरली धरि लुकाय।
सौंह करे, भौंहनि हँसै, दैन कहै, नटि जाय।
वियोग श्रृंगार किसे कहते हैं ?
वियोग श्रृंगार उस श्रृंगार को कहते हैं जिसमें किसी पति, पत्नी के मिलन का अभाव होता है या उनके प्रेम और प्यार का वर्णन होता है उन्हें वियोग श्रृंगार कहते हैं।
वियोग श्रृंगार के उदाहरण :
उधो, मन न भए दस बीस।
एक हुतो सो गयौ स्याम संग, को अवराधै ईस।।
Conclusion : प्रतियोगी परीक्षाओं को तैयारी करने वालों को हिंदी व्याकरण के सभी विषय के बारे में जानकारी होनी चाहिए उन में से एक विषय है श्रृंगार रस, श्रृंगार रस किसे कहते हैं उदाहरण सहित यहां सरल भाषा में बताए गए हैं।
FAQs About Shringar Ras In Hindi
Q1. श्रृंगार रस के कितने भेद होते हैं ?
Ans : श्रृंगार रस के दो भेद होते हैं संयोग श्रृंगार एवं वियोग या विप्रलम्भ श्रृंगार।
Q2. श्रृंगार रस का दूसरा नाम क्या है ?
Ans : श्रृंगार रस का दूसरा नाम “रसराज” है।
Q3. श्रृंगार रस के उदाहरण बताइए ?
Ans : मेरे तो गिरिधर गोपाल दूसरा न कोई।
जाके सिर मोर मुकुट मेरो पति सोई॥