Deepak Alankar Kise Kahate Hain – दीपक अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण 

Deepak Alankar In Hindi – पहली कक्षा से लेकर पांचवी कक्षा तक आपने हिंदी व्याकरण में अलंकार विषय के बारे में जरूर पढा होगा, आज हम उसी अलंकार के एक भेद Deepak Alankar के बारे में बात करने वाले हैं। Deepak Alankar Kise Kahate Hain, Deepak Alankar कितने प्रकार के होते हैं उनकी पहचान और विशेषताएं क्या है, यहां से आप पढ़ सकते हैं

Definition Of Deepak Alankar  In Hindi – दीपक अलंकार की परिभाषा

Deepak Alankar में उपमेय और उपमान के गुण साधारण होते हैं जिसे Deepak Alankar कहते हैं दीपक अलंकार में को आप ऐसे समझ सकते हैं कि जिस प्रकार किसी घर या झोपड़ी में कोई दिया जलाते हैं तो उसकी रोशनी और प्रकाश के माध्यम से हर तरफ उजाला छा जाता है उसी तरह Deepak Alankar में कोई नजदीक और दूर पड़ी हुई वस्तु के एकधर्म-संबंध वर्णित करता है। 

Examples Of Deepak Alankar In Hindi – दीपक अलंकार के उदाहरण

1.चंचल निशि उदवस रहें, करत प्रात वसिराज।

अरविंदन में इंदिरा, सुन्दरि नैनन लाज।।

2. फूल से सोहत तीर्थ थल,

जल से सोहत कूप।

3. रस से सोहत सुमन जल,

बल से सोहत भूप।।

Conclusion : कॉम्पिटेटिव एक्जाम की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए हिंदी व्याकरण एक महत्वपूर्ण विषय है जिसमें अलंकार विषयों से जुड़े हुए कई सारे सवाल आते हैं आप उनकी तैयारी यहां से कर सकते हैं Deepak Alankar से जुड़ी सभी जानकारी यहाँ शेयर की गई है। 

FAQs About Deepak Alankar In Hindi

Q1. दीपक अलंकार का क्या अर्थ होता है

Ans : किसी काव्यशस्त्र में प्रस्तुत पदार्थ और अप्रस्तुत पदार्थ में साधारण गुण दीपक अलंकार है। 

Q2. दीपक अलंकार की क्या पहचान होती है ?

Ans : जिस अलंकार में उपमेय में और उपमान के गुण साधारण होते हैं वह दीपक अलंकार की पहचान होती है। 

Q3. दीपक अलंकार के उदाहरण बताइए ?

Ans : तें मन भरै, तन की मिटे न भूख

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