Vibhats Ras In Hindi – आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से जिसका नाम है “Vibhats Ras In Hindi” पर जानेंगे Vibhats Ras Kise Kahate Hain, वीभत्स रस के कितने भेद होते हैं और वीभत्स रस
का वर्णन किस वाक्य में किया जाता है। व्याकरण पढ़ने वाला छात्रों को Vibhats Ras के बारे में जानकारी होनी चाहिए तभी वह उनके सही उत्तर दे पाएंगे, चलिए Vibhats Ras के बारे में विस्तार में पढ़ते हैं।
Definition Of Vibhats Ras In Hindi – वीभत्स रस परिभाषा
उन काव्य रचनाओं में जहां स्नेह प्रकट किया जाता है वह Vibhats Ras कहलाते हैं काव्य की उन रचनाओं में जब कोई व्यक्ति को ऐसा वाक्य देखने या पढ़ने को मिलता है जिसमें घृणा के भाव मौजूद होते हैं तो उन्हें Vibhats Ras कहते हैं।
Vibhats Ras काव्य रचनाओं को पढ़ने के बाद व्यक्ति के हृदय में घृणा वाले भाव की अनुभूति होती है इन अनुभूति में सड़े गले पदार्थ, लाश, बदबू आदि के विभव उत्पन्न होते हैं जो की Vibhats Ras के अंतर्गत आते हैं।
Types Of Vibhats Ras In Hindi – वीभत्स रस के भेद हैं
- क्षोभज
- शुद्ध
- उद्वेगी
Examples Of Vibhats Ras In Hindi – वीभत्स रस के उदाहरण
1.जन – पथ पर पर, सड़ी -गली लाशें |
नेत्र न्रिशंस यह, दृश्य देख
मुद जाती घुटती है साँसे |
2. नेत्र निकाल उड़ जाते, क्षण भर उड़ कर आ जाते
शरीर जीभ खींचकर कौआ, चुभला-चभला कर खाते
खाना में श्वान लगे, मुरदे थे भू पर लेटे
खा माँस चाट लेते थे, चटनी सम बहते बहते बेटे।
3. लेकिन हाय मैंने यह क्या देखा,
पैरों में वाण विधते ही;
पीप भरा दुर्गंधित पीला रक्त,
वैसा ही बहा;
जैसा इन जख्मों से अक्सर बहा करता है।
Conclusion : Vibhats Ras का स्थायी भाव जुगुप्सा होता है जो घृणा को प्रकट करता है, जब व्यक्ति के हृदय में घृणा वाले भाव की अनुभूति होती है तब वीभत्स रस का वर्णन होता है।
FAQs About Vibhats Ras In Hindi
Q1. वीभत्स रस का क्या मतलब होता है ?
Ans : काव्य की वह रचनाओं में जहां घृणा वाले भाव की अनुभूति हो, उन्हें वीभत्स रस कहते हैं
Q2. वीभत्स रस के अनुभाव बताइए ?
Ans : नाक सिकोड़ना, शरीर गननाना, थूक फेंकना आदि।
Q3. वीभत्स रस का स्थायी भाव क्या होता है ?
Ans : वीभत्स रस का स्थायी भाव घृणा, जुगुप्सा होता है।