Veer Ras Kise Kahate Hain – वीर रस की परिभाषा, भेद और उदाहरण 

Veer Ras In Hindi – हम रस के सभी भेदो को कवर कर रहे हैं जिसमें से एक भेद है Veer Ras, वीर रस किसे कहते हैं ? वीर रस के कितने भेद होते हैं, उदाहरण सहित यहां Veer Ras In Hindi पोस्ट पर सरल भाषा में छात्रों के लिए समझाया गया है। 

Definition Of Veer Ras In Hindi – वीर रस परिभाषा

वीर रस का स्थाई भाव उत्साह होता है जब कोई व्यक्ति किसी जंग या कोई ऐसे कार्य करने के लिए उत्साह से भरा होता है तो उसके हृदय के अंदर उत्साह जागृत होता है उन्हें Veer Ras कहते हैं

अर्थात हम कह सकते हैं कि किसी युद्ध के लिए तैयार बैठा एक व्यक्ति जो लड़ने के लिए पूरा जागृत है उसके अंदर वीर रस की भावना उत्पन्न हुई है। 

वीर रस के अवयव

  • स्थायी भाव – उत्साह, जागृत
  • आलम्बन – शुत्र
  • आश्रय – नायक 
  • उद्दीपन – युद्ध के बाजे
  • अनुभाव – शरीर में हलचल 

Types Of Veer Ras In Hindi – वीर रस के भेद हैं 

Veer Ras चार प्रकार के होते हैं जो चार तरह की वीरता को बताते हैं :

  • युद्धवीर
  • दान वीर
  • धर्मवीर
  • दया वीर

Examples Of Veer Ras In Hindi – वीर रस के उदाहरण

1.पच्छी पर छीने ऐसे परे पर छीने वीर।

तेरी बरछी ने बर छीने हैं खलन के।।

2. रायरायओ चंपति के छत्रसाल महाराज,

भूषण सका करि बखन को बालन के।

Conclusion : वीर रस का स्थाई भाव उत्साह होता है जिसका मतलब होता है किसी कठिन कार्य को करने के लिए जो भाव, अभाव मन में जागृत हो वह वीर रस के अंतर्गत आते हैं Veer Ras की परिभाषा और उदाहरण यहां बताए गए हैं। 

FAQs About Veer Ras In Hindi

Q1. वीर रस किसे कहते हैं ?

Ans : किस युद्ध के प्रति इंसान के अंदर उत्साह के भाव उत्पन्न होने को वीर रस कहते हैं। 

Q2. वीर रस में कौन सा गुण होता है ?

Ans : कोई देशभक्त अपने देश के प्रति लड़ने को उत्साहित होता है वही गुण वीर रस है। 

Q3. वीर रस का स्थाई भाव क्या होता है ?

Ans : वीर रस का स्थाई भाव उत्साह होता है। 

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