Savbhavoti Alankar Kise Kahate Hain – स्वभावोती अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण 

Savbhavoti Alankar In Hindi Savbhavoti Alankar क्या होते हैं, Savbhavoti Alankar कितने प्रकार होते हैं, Savbhavoti Alankar के उदाहरण और स्पष्टीकरण हमने इस पेज के माध्यम से जिसका नाम है “Savbhavoti Alankar In Hindi” पर सरल शब्दों में बताया है, जो छात्र हिंदी व्याकरण पढ़ते हैं उन्हें यह पोस्ट एक बार जरूर पढ़ना चाहिए। यह पोस्ट उनकी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। 

Definition Of Savbhavoti Alankar In Hindi – स्वभावोती अलंकार की परिभाषा

इस अलंकार के अंतर्गत जब किसी वस्तु का संभावित वर्णन होता है तो उसे Savbhavoti Alankar कहते हैंSavbhavoti Alankar के सादगी में चमत्कार होता है। 

सरल शब्दों में बताया जाए तो जब कोई बालक अपने स्वाभाविक रूप का वर्णन करता है तो वह Savbhavoti  Alankar कहलाता है। 

Examples Of Savbhavoti  Alankar In Hindi – स्वभावोती अलंकार के उदाहरण

सीस मुकुट कटी काछनी , कर बन्सी उर माल।

इहि बानिक मो मन बसौ , सदा बिहारीलाल।।

Conclusion : Savbhavoti Alankar का प्रयोग उन रचनाओं में होता है जहां पर किसी व्यक्ति या वस्तु की स्थिति का संभावित वर्णन होता है, यह अलंकार रचनाओं को प्रभावशाली बनाने में मदद करते हैं जिनके अलग-अलग उद्देश्य होते हैं। 

FAQs About Savbhavoti Alankar In Hindi

Q1. स्वभावोती अलंकार क्या होते हैं ?

Ans : जब किसी काव्य शास्त्र में स्वाभाविक वर्णन या क्रिया की स्थिति में अलंकार कि सृष्टि हो, वह स्वभावोती अलंकार होते हैं। 

Q2. स्वभावोती अलंकार की पहचान क्या होती है ?

Ans : जिस रचनाओं में स्वाभाविक रूप या क्रिया का वर्णन हो, वह स्वभावोती अलंकार की पहचान है। 

Q3. स्वभावोती अलंकार के उदाहरण बताइए ?

Ans : चितवनी भोरे भाय की गोरे मुँह  मुसकानी।

लगनी लटकी आलीर गरे चित खटकती नित आनी।।

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