Bhrantiman Alankar Kise Kahate Hain – भ्रांतिमान अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण 

Bhrantiman Alankar In Hindi – आज हम इस पेज पर Bhrantiman Alankar के बारे में विस्तार से पढ़ने वाले हैं हिंदी व्याकरण में Bhrantiman Alankar Kise Kahate Hain, Bhrantiman Alankar कितने प्रकार के होते हैं, Bhrantiman Alankar के उदाहरण क्या है। 

इस पेज के माध्यम से जिसका नाम है “Bhrantiman Alankar In Hindi” पर Bhrantiman Alankar के बारे में सभी जानकारी बताई गई है। 

Definition Of Bhrantiman Alankar In Hindi – भ्रांतिमान अलंकार की परिभाषा

Bhrantiman Alankar के उपमेय में उपमान का भ्रम का अभाव उत्पन्न होता है जिसे Bhrantiman Alankar कहते हैं इस अलंकार में भय का भाव उत्पन्न होता है। 

सरल शब्दों में हम कह सकते हैं कि जब हम किसी ऐसी वस्तु को देखते हैं जो किसी दूसरी वस्तु के समान दिखाई देती है, लेकिन वह वस्तु केवल उसे वस्तु का भ्रम पैदा करती है इस को भ्रांतिमान अलंकार कहते हैं

यथार्थ दो वस्तुओं को सामान्य दिखने वाले वस्तुओं का भ्रम पैदा होना Bhrantiman Alankar कहलाता है

Examples Of Bhrantiman Alankar In Hindi – भ्रांतिमान अलंकार अलंकार के उदाहरण

1.पेशी समझ माणिक्य को वह विहग देखो ले चला। ”

“जानि स्याम को राम घन नाच उठे वन मोर। “

2. पाप महाजन देन को नाइन बैठी आय।

पुनि-पुनि जान महावरी एड़ी मोड़ित जाय।।

3. बेसर मोती दुति झलक, परी अधर पर आनि । 

पट पोंछति चूनो समुझि, नारी निपट अयानि ।।

Conclusion : वह दो वस्तुए अधिक समानता के कारण जो भय उत्पन्न करती है वह भ्रांतिमान अलंकार होते हैं जो कि भय के अभाव को उत्पन्न करते हैं। हमने यहां पर Bhrantiman Alankar Ki Paribhasha, भेद और उदाहरण स्पष्टीकरण के साथ बताएं हैं, जो आपको भ्रांतिमान अलंकार को समझने में मदद करेंगे। 

FAQs About Bhrantiman Alankar In Hindi

Q1. भ्रांतिमान अलंकार का क्या अर्थ होता है ?

Ans : भ्रांतिमान अलंकार का अर्थ होता है समान दिखने वाली दो वस्तुएं या भय 

Q2. भ्रांतिमान अलंकार की पहचान क्या है ?

Ans : उन रचनाओं में जहां पर भ्रम के भाव उत्पन्न होते हैं, वह भ्रांतिमान अलंकार की पहचान है

Q3. भ्रांतिमान अलंकार के उदाहरण बताइए ?

Ans : वृदावन विहरत फिरै माही गोपाल।

         नीरद यामिनी जानि संग डोलैं बोलें मोर ।।

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