Asangati Alankar Kise Kahate Hain – असंगति अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण 

Asangati Alankar In Hindi – हिंदी व्याकरण हर तरह के कॉम्पिटेटिव एक्जाम के लिए महत्वपूर्ण विषय है हिंदी व्याकरण से जुड़े हुए कई सारे सवाल प्रतियोगी परीक्षाओं में आते रहते हैं उनकी रिवीजन करने के लिए आप हमारा यह पोस्ट है Asangati Alankar आप पढ़ सकते हैं। 

Definition Of Asangati Alankar In Hindi – असंगति अलंकार की परिभाषा

असंगति का मतलब होता है संगत में ना होना। इस अलंकार में कारण कहीं और और कार्य कहीं और होता है ऐसे अलंकार को Asangati Alankar कहते हैं

सरल शब्दों में आप इसे ऐसे समझ सकते हैं जब हमारे पैर में चोट लगती है तो हम पैर में दवा लगाते हैं ना कि हाथ में, पर जब पैर में चोट लगती है और हाथ में दवा लगाते हैं तो यह असंगति का वर्णन करता है जो की संगत में नहीं है। 

Examples Of Asangati Alankar In Hindi – असंगति अलंकार के उदाहरण

1.वृन्दावन दधि बेचन चली, पहुँ बन हरि पास

गई रही हरि भजन को, ओटल लगी कपास ।।

2. तुमने पैरों में लगाई लाली

मेरी आँखों में समाई मेंहदी।

3. हृदय घाव मेरे पीर रजुवीरै।”

Conclusion : असंगति अलंकार में जहां कारण होता है वहां पर कार्य भी होना चाहिए लेकिन असंगति अलंकार में ऐसा नहीं होता, ऐसे अलंकार को Asangati Alankar कहते हैं Asangati Alankar की सरल परिभाषा और भेद उदाहरण सहित यहां बताए गए हैं। 

FAQs About Asangati Alankar In Hindi

Q1.असंगति अलंकार किसे कहते है?

Ans : जहां कोई कार्य एक स्थान पर होता है लेकिन कारण दूसरे स्थान पर वह असंगति अलंकार के अंतर्गत आता है। 

Q2. असंगति अलंकार की पहचान क्या होती है

Ans : जहां पर कार्य और कारण अलग-अलग जगह होते हैं वह असंगति अलंकार की पहचान होती है। 

Q3. असंगति अलंकार के उदाहरण बताइए ?

Ans : पिचका चलाइ और जुवती भिजाइ नेह,

लोचन नचाइ मेरे अंगहि नचाइ गौ।।

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