Hasya Ras In Hindi – रस हिंदी व्याकरण विषय का एक अभिन्न अंग है यदि आप हिंदी व्याकरण के सभी विषयों को ध्यान से पढ़ें तो उन्हें पढ़ने में बहुत मजा और रोचक लगता है, उन्ही में से एक विषय है Hasya Ras जिसके भेद “Hasya Ras In Hindi” पेज पर बताने वाले हैं, Hasya Ras Ki Paribhasha Kya Hai, हास्य रस कितने प्रकार के होते हैं, हास्य रस उदाहरण सहित, यहाँ अध्ययन किया गया है .
Definition Of Hasya Ras In Hindi – हास्य रस परिभाषा
जब व्यक्ति किसी ऐसी आकृति, वेशभूषा या कोई ऐसा वाक्य सुनता है जिससे उसके अंदर आनंद उत्पन्न होता है उस उत्पन्न हुए आनंद Hasya Ras कहते हैं। जब कभी हास्य रस का अभाव या संचारी रूप से प्राप्त हो तो उन्हें “हास्य रस” से कहते हैं।
Hasya Ras Ke Avyav – हास्य रस के अवयव
स्थाई भाव – हास।
आलंबन – विकृत वेशभूषा,
संचारी भाव – हर्ष, आलस्य, निद्रा, चपलता,
उद्दीपन – आलम्बन की अनोखी आकृति,
अनुभाव – आश्रय की मुस्कान
Types Of Hasya Ras In Hindi – हास्य रस के भेद
- आत्मस्थ
- परस्य
आत्मस्थ से कहते हैं ?
इसमें अवस्था में व्यक्ति के मन में कुछ ऐसे विचार या ऐसी परिस्थितियों बनती है जिसके कारण खुद ही उनके मन में हास्य रस पैदा होता है और उन्हें आत्मस्थ कहते हैं,
इस हास्य रस में किसी और व्यक्ति का सहयोग की आवश्यकता नहीं पड़ती।
परस्य किसे कहते हैं ?
इससे हास्य रस के अंतर्गत दूसरों व्यक्ति से सहयोग की आवश्यकता होती है यह दूसरों व्यक्ति से ऐसी वेशभूषा से उत्पन्न होता है उन्हें हास्य रस कहते हैं जो किसी नायक के द्वारा होता है।
कोई ऐसा खेल या प्रक्रिया जिसमें इंसान दूसरे नायक की वेशभूषा या क्रिया को देखकर हंसता है
Examples Of Hasya Ras In Hindi – हास्य रस के उदाहरण
1. जेहि दिसि बैठे नारद फूली।
सो दिसि तेहि न बिलोकी भूली॥
2. काहू न लखा सो चरित विशेखा।
जो सरूप नृप कन्या देखा।।
3. आगे चले बहुरि रघुराई।
पाछे लरिकन धुनी उड़ाई।।
Conclusion : हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा शेयर किया गया यह पोस्ट “Hasya Ras Kise Kahate Hai” पर आपको हास्य रस के बारे में सरल जानकारी मिली होगी, यह पोस्ट सभी छात्रों के लिए उपयोगी है।
FAQs About Hasya Ras In Hindi
Q1. हास्य रस की परिभाषा क्या है ?
Ans : हास्य रस में किसी नायक और व्यक्ति की वेशभूषा या कोई काव्य सुनकर मन में जो हास्य उत्पन्न हो उसे हास्य रस कहते हैं।
Q2. हास्य रस से स्पष्टीकरण कौन सी विलंबन है ?
Ans : स्थायी भाव, आश्रय, आलम्बन, अनुभाव, व्यभिचारी भाव
Q3. हास्य रस के उदाहरण बताइए ?
Ans : शीश पर गंगा हँसै ,लट में भुजंगा हँसै।
हास ही के दंगा भयो नंगा के बियाव में।।